फोरलेन का रूट बदलने की जांच शुरू
कीरतपुर- मनाली फोरलेन में मंडी जिले में डडोर से नागचला बाइपास का रूट बदलने से केंद्र सरकार को अरबों का चूना लगाने से जुड़ी शिकायत का प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कड़ा संज्ञान लिया है।
रमेश सिगटा, शिमला
कीरतपुर-मनाली फोरलेन में मंडी जिले में डडौर से नागचला बाइपास का रूट बदलने से केंद्र सरकार को अरबों रुपये का चूना लगाने से जुड़ी शिकायत का प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कड़ा संज्ञान लिया है। पीएमओ के अनुभाग अधिकारी मुकुल दीक्षित ने शिकायतपत्र को कार्रवाई के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव को भेजा है। मंत्रालय में मंत्री नितिन गडकरी के निजी सचिव आइएएस अधिकारी संकेत भोंडवे ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) के अध्यक्ष को इस पर उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
इस मामले में शिकायतकर्ता हिमाचल प्रदेश के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बीआर कौंडल हैं। उन्होंने हाल ही में ही मामले की सीबीआइ से भी शिकायत की है। आरोप है कि दो बड़े कारोबारियों को लाभ पहुंचाने के लिए बगला कस्बे को उजाड़ दिया गया। इससे सरकारी खजाने पर करीब 200 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ा है। शिकायत में एनएचएआइ के अफसरों की कार्यप्रणाली पर अंगुली उठाई है। पत्र में अरबों के घोटाले की आशंका जताई है। इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भी पत्र लिखा गया। आरोप है कि रूट दो ऐसे कारोबारियों को फायदा देने के लिए बदला गया, जिनके होटल घाटे में चल रहे थे। इनके चक्कर में 60 से 70 मकान उजाड़ दिए गए। ऐसे में मुआवजे के तौर पर अतिरिक्त धनराशि भी खर्च करनी पड़ी है। पहले जिस रूट से फोरलेन प्रस्तावित था, वहां कुछ घरों को ही नुकसान होना था। उस जमीन का मुआवजा भी पांच गुणा कम देना पड़ना था, क्योंकि वहां के सर्कल रेट कम है। सीबीआइ को भेजी शिकायत के अनुसार बाइपास के लिए तीन प्रकार के सर्वे हुए थे। एक सर्वे पहाड़ी से होकर था। दूसरा खाली जमीन से होकर और तीसरे में होटल हटाने पड़ने थे। फोरलेन का पहला चरण नागचला तक चला, जबकि दूसरा चरण वहां से मनाली तक है। -----------
प्रधानमंत्री कार्यालय और सड़क परिवहन मंत्रालय ने मेरे पत्र का संज्ञान लिया है। मैंने पूरे तथ्यों के साथ शिकायत की है। उम्मीद है कि अब एनएचएआइ के अध्यक्ष निष्पक्ष जांच करवाएंगे। सीबीआइ से भी शिकायत की है। इस पर भी जल्द कार्रवाई होने के आसार हैं। वह खुद सेवा में रहते वन माफिया से लेकर नकल माफिया तक भिड़े हैं। सेवानिवृत्ति के बाद भी भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम जारी रखी है।
बीआर कौंडल, रिटायर एडीएम