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Himachal: सूरज हत्याकांड में निलंबित आइजी जेडएच जैदी के खिलाफ शुरू होगी एक और जांच

Suraj Murder Case. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सूरज हत्याकांड के आरोपित आइजी जेड एच जैदी ने गवाह को प्रभावित करने की कोशिश की थी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 08:10 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 08:10 PM (IST)
Himachal: सूरज हत्याकांड में निलंबित आइजी जेडएच जैदी के खिलाफ शुरू होगी एक और जांच
Himachal: सूरज हत्याकांड में निलंबित आइजी जेडएच जैदी के खिलाफ शुरू होगी एक और जांच

शिमला, राज्य ब्यूरो। Suraj Murder Case. सूरज हत्याकांड में निलंबित आइजी जेड एच जैदी के खिलाफ अब एक और विभागीय जांच शुरू होगी। यह जांच आइपीएस अधिकारी सौम्या सांबशिवन के चंडीगढ़ स्थित सीबीआइ कोर्ट में दिए गए बयान के आधार पर होगी। इसमें उन्होंने जैदी पर बयान बदलने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया था। जैदी अगस्त 2017 से लंबे समय तक जेल में रहे। वह हाल ही में बहाल हुए थे। वह दूसरी बार निलंबित होने से विदेश भी नहीं जा सकेंगे। निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय होमगार्ड में फिक्स किया गया है। पहले वह वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीइओ) थे। इसी पद के नाते उन्होंने सरकार से दुबई जाने की अनुमति मांगी थी। अनुमति मिलने से पहले ही वह एक और विवाद में निलंबित हो गए।

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वर्ष 2017 में जब कोटखाई में पुलिस हिरासत में आरोपित सूरज सिंह की मौत हुई थी, तब लोग सड़क पर उतर आए थे। सरकार ने शिमला के तत्कालीन एसपी डीडब्ल्यू नेगी को हटाकर विजिलेंस में तैनात किया था। शिमला की एसपी सौम्या सांबशिवन को लगाया गया था। सूत्रों के अनुसार तब आइजी ने एसपी पर दबाव डाला था कि वह सूरज के शव को परिजनों के हवाले कर दें, ताकि वे अंतिम संस्कार कर सकें। जैदी चाहते थे कि शव का सीबीआइ टीम आने से पहले अंतिम संस्कार हो। एसपी ने उनकी सलाह नहीं मानी थी। उन्होंने इसके लिए सीबीआइ के संदेश का हवाला दिया था। इसमें कहा गया था कि सीबीआइ शव का खुद पोस्टमार्टम करवाएगी, इसलिए इसे परिजनों को न सौंपा जाए।

सौम्या ने सूरज का शव परिजनों के हवाले नहीं किया था। सीबीआइ ने आइजीएमसी शिमला में एम्स के डॉक्टरों से पूरी टीम के साथ दोबारा पोस्टमार्टम करवाया था। इसकी रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सूरज को राजू ने नहीं मारा बल्कि उसे पुलिस वालों ने टॉर्चर किया था। इस कारण उसकी पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। जांच एजेंसी ने बाद में इसी केस में तत्कालीन आइजी जेड एच जैदी, ठियोग के डीएसपी मनोज जोशी समेत आठ पुलिस कर्मियों को 29 अगस्त 2017 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद नवंबर में शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी को भी गिरफ्तार किया गया था।

सौम्या के बयान से आया था नोटिस

सौम्या पंडोह में इंडियन रिजर्व बटालियन में कमांडेंट हैं। पिछले दिनों उन्होंने सीबीआइ की चंडीगढ़ कोर्ट में जैदी के खिलाफ बयान दिया था। उन्होंने कोर्ट में एक एप्लीकेशन भी दी थी जिसमें आइजी पर बयान बदलने के लिए मानसिक दबाव डालने का आरोप लगाया था। जैसे ही इस मामले में कोर्ट का डीजीपी को नोटिस आया, सरकार ने आइजी को दूसरी बार निलंबित कर दिया। जैदी सूरज केस में पहले ही विभागीय जांच झेल रहे हैं।

जैदी को निलंबित कर दिया गया कड़ा संदेश

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सूरज हत्याकांड के आरोपित आइजी जेड एच जैदी ने गवाह को प्रभावित करने की कोशिश की थी। इस कारण सरकार ने उन्हें दूसरी बार निलंबित करने का फैसला लिया।मुख्यमंत्री ने विधानसभा में पत्रकारों से कहा कि सरकार ने जैदी को निलंबित कर कड़ा संदेश दिया है। इससे कोई भी आरोपित जमानत पर रहते गवाहों पर दबाव नहीं डाल सकेगा। जैदी जमानत पर हैं। उन्हें बहाल करने के लिए सरकार के पास तीन बार मामला आया।

तकनीकी आधार पर जब चौथी बार मामला पहुंचा तो उन्हें बहाल किया गया। नई जगह पर तैनाती भी की गई लेकिन शिमला की पूर्व एसपी के बयान से नया मोड़ आया। जब सौम्या सांबशिवन शिमला की एसपी थीं, मामला उस वक्त से जुड़ा है। इस संबंध में महिला अधिकारी ने चंडीगढ़ में सीबीआइ कोर्ट में भी बयान दिया है। इस संबंध में कोर्ट से डीजीपी को नोटिस आने पर सरकार ने कड़ा संज्ञान लिया और जैदी को निलंबित कर दिया।

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