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मंदी के बावजूद उद्योगपति हिमाचल में निवेश के लिए तैयार

राज्य के मुख्य सचिव की कुर्सी संभालने के तुरंत बाद डा. श्रीकांत बाल्दी ने कहा कि देश ही नहीं विश्व औद्योगिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। बावजूद इसके बड़ी संख्या में नामी उद्योग हिमाचल में निवेश करना चाहते हैं। ग्लोबल इंवेस्टर मीट प्राथिकताओं में सबसे ऊपर है। निवेश करने के लिए आने वालों को कई तरह के एनओसी लेने पड़ते हैं। इस प्रकार की परेशानियों का हल निकालने के लिए बदलाव करने से निवेश आएगा। राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए डा. बाल्दी का कहना था कि हमारे पास संसाधनों की कमी है। दूसरी ओर सरकार में कर्मचारियों की संख्या कर्नाटक हरियाणा पंजाब सहित कई राज्यों से अधिक है। राज्य को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए खर्च और आय में समानता होनी जरूरी है जोकि अगले कुछ वर्षों में होना संभव नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 10:13 PM (IST)Updated: Mon, 02 Sep 2019 10:13 PM (IST)
मंदी के बावजूद उद्योगपति हिमाचल में निवेश के लिए तैयार
मंदी के बावजूद उद्योगपति हिमाचल में निवेश के लिए तैयार

राज्य ब्यूरो, शिमला : राज्य के मुख्य सचिव की कुर्सी संभालने के बाद डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने कहा कि देश ही नहीं, विश्व औद्योगिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में नामी उद्योगपति हिमाचल में निवेश करना चाहते हैं। धर्मशाला में नवंबर में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर मीट प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर है।

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बकौल श्रीकांत बाल्दी, निवेश करने के लिए आने वालों को कई तरह के अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने पड़ते हैं। इस प्रकार की परेशानियों का हल निकालने के लिए बदलाव करने से निवेशक आएंगे। हमारे पास संसाधनों की कमी है। प्रदेश में कर्मचारियों की संख्या कर्नाटक, हरियाणा, पंजाब सहित कई राज्यों से अधिक है। देश में सबसे ज्यादा कर्मचारी हिमाचल में हैं। कर्नाटक में लोक निर्माण विभाग में 8500 कर्मचारी हैं। हरियाणा में पांच हजार और पंजाब में नौ हजार से कम कर्मचारी हैं। लेकिन हिमाचल में लोक निर्माण विभाग में 42 हजार कर्मी हैं। राज्य विद्युत बोर्ड में उत्तराखंड में आठ हजार और हमारे यहां 18 हजार कर्मचारी हैं। देश में हम कर्मचारी औसत में सबसे अग्रणी राज्य हैं। लेकिन कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित नहीं है। ऐसा एक नहीं सभी विभागों में है। कर्मचारियों को काम करने की आदत डालनी होगी। राज्य को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए खर्च और आय में समानता होना जरूरी है जो कुछ वर्षों में होना संभव नहीं है। मैंने अपने सेवाकाल के 34 साल यहां गुजार दिए और इस दौरान प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली जाने की जरूरत नहीं समझी। सरकार के खर्चे कम नहीं हो सकते हैं। वाहनों के रखरखाव पर ही तीन से पांच करोड़ रुपये खर्च होते हैं। यदि इस खर्च को रोक दिया जाए तो विकास कार्य बाधित होंगे। दस दिन में शुरू होगा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन

श्रीकांत बाल्दी ने कहा कि दूरदराज क्षेत्रों से लोग शिमला आकर सचिवालय के चक्कर काटते रहते हैं। दस दिन के भीतर मुख्यमंत्री हेल्पलाइन शुरू हो जाएगी। एक फोन करने पर शिकायत दर्ज होगी। सात दिन के भीतर तहसील, जिला व विभागीय स्तर पर समाधान करना होगा। यदि समस्या का हल नहीं निकलता है तो सचिवालय स्तर पर समाधान किया जाएगा। इसके बाद मुख्यमंत्री और सरकार के दूसरे मंत्री संबंधित व्यक्ति को फोन करके पूछेंगे कि समस्या का हल निकला या नहीं। ऐसा होने पर लोगों को सचिवालय नहीं आना होगा। प्रदेश में 10 प्रतिशत लोग ही ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवाते हैं।

-------- बीके अग्रवाल ने श्रीकांत बाल्दी को कुर्सी पर बैठाया

हिमाचल में पहली बार एक मुख्य सचिव ने दूसरे मुख्य सचिव बनने वाले अधिकारी को चार्ज सौंपा। बीके अग्रवाल ने श्रीकांत बाल्दी को मुख्य सचिव का दायित्व सौंपा और कुर्सी पर बैठाया।

-------- हिमाचल की यादें साथ लेकर जा रहा दिल्ली : बीके अग्रवाल

लोकपाल सचिव नियुक्त हुए बीके अग्रवाल ने कहा कि वह खुश हैं। वह लोकपाल को लागू करवाने की जिम्मेदारी निभाएंगे। प्रदेश में मुख्य सचिव रहते हुए सभी अधिकारियों का सहयोग मिला। वह हिमाचल की यादें साथ लेकर दिल्ली जा रहे हैं।


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