आपदा सहनशील आधारभूत ढांचे में दीर्घकालीन लक्ष्य के लिए दिए तीन मंत्र
आपदा सहनशील आधारभूत ढांचा-2019 पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला सफलतापूर्वक संपन्न हुई।
राज्य ब्यूरो, शिमला : आपदा सहनशील आधारभूत ढांचा-2019 पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला (आइडब्ल्यूडीआरआइ) बुधवार को संपन्न हुई। इसमें संयुक्त राष्ट्र संघ व 33 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह ने जनकेंद्रित समाधान पाने के लिए सहनशील आधारभूत ढांचे पर सामूहिक कार्रवाई का आह्वान किया।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि लाखों लोगों के निकट भविष्य में शहरों और कस्बों की ओर निरंतर जाते रहने के कारण दीर्घकालीन समय में शहरी लचीलापन अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने बेहतर परिणाम के लिए राज्य सरकारों के साथ सहयोग का आह्वान किया। प्रधानमंत्री के अपर प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने आपदा सहनशील आधारभूत ढांचे में दीर्घकालीन लक्ष्य प्राप्त करने के लिए तीन मंत्र प्रस्तावित किए। इनमें निर्धनों और असहायों पर ध्यान केंद्रित करना, विभिन्न भागीदारों के सहयोग के साथ समावेशी रुख अपनाना और आपदा सहनशील आधारभूत ढांचे में वैश्विक प्रक्रिया के पालन को सुनिश्चित करना शामिल है। कार्यशाला में प्रमुख आधारभूत ढांचे जैसे परिवहन, ऊर्जा, दूरसंचार और पेयजल आदि में आपदा जोखिम प्रबंधन से संबंधित श्रेष्ठ पद्धतियों की पहचान की गई। इसके अलावा आधारभूत ढांचे के लिए वित्त और बीमा से संबंधित प्रायोगिक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया। इसमें आपदा सहनशील आधारभूत ढांचे के लिए प्रस्तावित गठबंधन (सीडीआरआइ) को विश्व स्तर पर ले जाने के लिए बातचीत का मंच तैयार हुआ।