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माइक्रोस्कोप की खोज ने लाए क्रांतिकारी परिवर्तन

नए उपकरणों की खोज के कारण विज्ञान का विकास संभव हो पाया है जिसमें माइक्रोस्कोपिक तकनीक की भूमिका अग्रणी रही है।

By Edited By: Published: Fri, 07 Jun 2019 07:50 PM (IST)Updated: Sat, 08 Jun 2019 03:02 AM (IST)
माइक्रोस्कोप की खोज ने लाए क्रांतिकारी परिवर्तन
माइक्रोस्कोप की खोज ने लाए क्रांतिकारी परिवर्तन

शिमला, जेएनएन। इलेक्ट्रोन माइक्रोस्कोपी सोसायटी ऑफ इंडिया व हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के भौतिकी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में इटंरनेश्नल इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप एंड अलाइड एनालिटिकल टेक्नीकस विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुक्रवार को शुरू हुआ। इसमें शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने कहा कि भारत में प्राचीन समय से विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान पर विशेष ध्यान दिया जाता रहा है और उस समय भारत विज्ञान एवं अनुसंधान के क्षेत्र में पूरे विश्व को नई राह दिखा रहा था।

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विज्ञान में अनुसंधान भारतीय बौद्धिक विद्वता का महत्वपूर्ण अंग रहा है। इसी कारण विज्ञान की नई तकनीकों से विज्ञान के विभिन्न खंडों का विकास संभव हुआ है। नए उपकरणों की खोज के कारण विज्ञान का विकास संभव हो पाया है, जिसमें माइक्रोस्कोपिक तकनीक की भूमिका अग्रणी रही है। विज्ञान की विभिन्न विधाओं के विकास में माइक्रोस्कोप का विशिष्ट योगदान रहा है। माइक्रोस्कोप के प्रयोग से ही विभिन्न जटिल विषयों के रहस्यों को सुलझाना संभव हुआ है। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि भौतिकी तथा रसायन विज्ञान के साथ-साथ जीव विज्ञान के क्षेत्र में माइक्रोस्कोप की खोज ने क्रांतिकारी परिवर्तन लाए हैं।

परमाणू विज्ञान के क्षेत्र में भी माइक्रोस्कोप का प्रयोग सफल रहा है। सुरेश भारद्वाज ने आशा जताई कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का यह सम्मेलन वैज्ञानिकों के साथ-साथ छात्रों के लिए ज्ञानवर्धक सिद्ध होगा। इस अवसर पर सीपीआरआई शिमला के निदेशक डॉ. एसके चक्रवर्ती विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उपसला विश्वविद्यालय स्वीडन के प्रो. राजीव आहूजा मुख्य वक्ता थे, जबकि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सिकन्दर कुमार ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर आइओपी भुवनेश्वर के प्रो. पीवी सत्यम, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. आरपी टंडन, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रो. महावीर ¨सह, प्रो. नागेश ठाकुर, प्रदेश विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो. वीर ¨सह रांगड़ा मौजूद रहे।

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