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महिला अधिकारी पर चौकीदार को थप्पड़ मारने का आरोप

देश में बेशक चौकीदार को लेकर विमर्श चल रहा हो प्रधानमंत्री खुद को चौकीदार मानते हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 09:44 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 06:57 AM (IST)
महिला अधिकारी पर चौकीदार को थप्पड़ मारने का आरोप
महिला अधिकारी पर चौकीदार को थप्पड़ मारने का आरोप

जागरण संवाददाता, शिमला : देश में बेशक चौकीदार को लेकर विमर्श चल रहा हो, प्रधानमंत्री खुद को चौकीदार मानते हैं, लेकिन शिमला में एक आला महिला अधिकारी पर चौकीदार की पिटाई करने का आरोप लगा है। हालांकि आइएएस अधिकारी आरोप को नकार रही हैं। आरोप है कि न केवल पिटाई की बल्कि गुस्से में पीड़ित के मोबाइल फोन को भी जंगल में फेंक दिया। चौकीदार ने तीन प्रमुख संगठनों इंटक, बीएमएस और सीटू को भी शिकायत की है। इंटक ने पूरे प्रकरण को पुलिस के साथ उठाने की बात कही है।

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वहीं, आरोपित महिला अधिकारी ने बताया, वह चौकीदार है या चालक मुझे नहीं पता, लेकिन रविवार को मैंने उसे बुलाया था। उसने निजी वाहन में हिमाचल गवर्नमेंट लिखा था। ऐसा गैर कानूनी है। कल तो अगर हादसा हो जाए तो क्या होगा। सवारियां उठाएं तो क्या होगा। संबंधित संस्थान को वाहन खरीदने को कहा गया है। मैंने न पिटाई की और न ही मोबाइल फोन छीना और न फेंका। हां नियमों की पालना करने की बात जरूर समझाई थी। इंटक ने पुलिस में शिकायत की है या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है।

यह है मामला

एक बोर्ड में आउटसोर्स पर कार्यरत चौकीदार चिरंजी उर्फ अरुण कुमार के अनुसार अधिकारी ने रविवार को उसे सैर करवाने के लिए वाहन लेकर मशोबरा बुलाया। इसके लिए उनके निजी सचिव का फोन आया था। सुबह साढ़े आठ बजे शिमला से चला और साढ़े नौ बजे मशोबरा पहुंचा। जीरो प्वाइंट तक उनको लेकर गया। वहां उन्हें उतार दिया। चिरंजी के अनुसार उसके पास दो मोबाइल फोन हैं, इसमें एक खराब है। अधिकारी ने खराब फोन पर कॉल किया था। दूसरे नंबर पर फोन आया तो अधिकारी को लेने दोबारा गया। जैसे ही अधिकारी के पास पहुंचा उन्होंने गुस्से में आकर मेरा मोबाइल फोन फेंक दिया और मुझे कई थप्पड़ मारे।

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गरीब आदमी को बड़े अधिकारी ने थप्पड़ मारे हैं। उसके भाई की गाड़ी आउटसोर्स पर सरकारी संस्थान में लगी है। अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो हम आंदोलन करेंगे। थाना छोटा शिमला में शिकायत लेकर गया था, वहां से ढली थाने जाने की बात कही है।

-पूर्ण चंद, नेता इंटक, बावा गुट।

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चौकीदार के राज में चौकीदार की पिटाई अत्यंत गंभीर मामला है। कानून सबके लिए बराबर है। किसी भी अधिकारी को कानून हाथ में लेने का कोई अधिकार नहीं है। अगर उससे कोई गलती हुई भी होगी तो नियमों के तहत कार्रवाई होनी चाहिए थी।

-संजय चौहान, वामपंथी नेता।

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अधिकारी का व्यवहार अनुचित, अशोभनीय है। संगठन चौकीदार के साथ खड़ा है। कानून जानने वालों को छोटे मुलाजिमों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए।

-गोपाल झिल्टा, नेता, भारतीय मजदूर संघ।


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