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एचआरटीसी के सीजीएम तक पहुंची जांच की आंच

हिमाचल प्रदेश में कंडक्टरों की भर्ती में हुई धांधलियों को लेकर जांच का आंच एचआरटीसी के मुख्य महाप्रबंधक एचके गुप्ता तक तक पहुंच गई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 May 2019 09:36 PM (IST)Updated: Wed, 22 May 2019 06:42 AM (IST)
एचआरटीसी के सीजीएम तक पहुंची जांच की आंच
एचआरटीसी के सीजीएम तक पहुंची जांच की आंच

जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल में कंडक्टर भर्ती में हुई धांधली की जांच की आंच हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के मुख्य महाप्रबंधक एचके गुप्ता तक तक पहुंच गई है। सूत्रों के अनुसार आरोपित अधिकारी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट से अंतरिम जमानत ले ली है, लेकिन उन्हें शिमला पुलिस को जांच में सहयोग करना होगा। अब पुलिस उनसे 29 मई तक पूछताछ करेगी। आरोप है कि उन्होंने धर्मशाला में मंडलीय प्रबंधक रहते हुए भर्तियों में अनियमितताएं बरती। वह तब मंडल के भर्ती कमेटी के अध्यक्ष थे। पूर्व कांग्रेस सरकार ने उन्हें क्लीनचिट दे दी थी, पर अब कानूनी शिकंजा कस गया है। उनके अलावा निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक दलजीत सिंह, पूर्व डीएम रिगछिग नेगी, एमडी शर्मा, श्यामा प्रसाद चटर्जी से भी पुलिस ने पूछताछ पूरी कर ली है। अभी पूछताछ का एक और दौर चल सकता है।

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भर्ती घोटाले में यह सभी आरोपित हैं जबकि एक पूर्व अधिकारी की मौत हो चुकी है। कोर्ट के आदेश पर शिमला के थाना सदर में पुलिस ने 2017 में केस दर्ज किया था। इससे पहले विजिलेंस ने भी जांच कर थी। भर्ती में हुआ है गड़बड़झाला

अब तक की पुलिस जांच से पता चला है कि भर्ती में बड़ा गड़बड़झाला हुआ है। पूर्व में विजिलेंस जांच में कई खुलासे हुए थे। 2004 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार कार्यकाल में भर्ती हुई थी। निगम में ट्रांसपोर्ट मल्टीपर्पस असिस्टेंट (टीएमपीए) यानी कंडक्टरों के 300 पद स्वीकृति किए गए थे, लेकिन भर्ती 378 पदों पर की गई। प्रदेश के चार मंडलों में मंडलीय प्रबंधकों को चयन कमेटी का अध्यक्ष बनाया था। उन्होंने चयनित अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट नहीं बनाई और न वेटिंग लिस्ट तैयार नहीं की। यही नहीं प्रबंधकों ने इंटरव्यू की शीट सील्ड कवर लिफाफे में नहीं भेजी, जबकि खुद निगम मुख्यालय पहुंचाया। मुख्यालय में अगस्त 2004 में कथित तौर पर मेरिट लिस्ट बनाई गई। 24864 ने किया था आवेदन

दो अगस्त, 2003 में बीओडी की बैठक में निर्णय हुआ कि टीएमपीए के 300 पद भरे जाएंगे। इन्हें दो हजार रुपये मासिक वेतन और दो फीसद तक टिकटों पर कमीशन मिलनी थी। 23 सितंबर को एमडी ने मंडलीय प्रबंधकों को पत्र लिखा, जियमें 300 पद भरने के बात लिखी थी। कब हुई परीक्षा

18 जनवरी 2004 को लिखित परीक्षा हुई। इसमें 17890 अभ्यर्थियों ने भाग लिया। डीएम प्रशासन की अध्यक्षता में 14 जनवरी 2004 को कमेटी बनी। इसका काम शिमला में अंसरशीट का मूल्यांकन करना था। मूल्यांकन के दौरान पाया कि 17890 में से 14107 अभ्यर्थियों ने परीक्षा में 50 फीसद और इससे अधिक अंक लिए। ये सभी इंटरव्यू में बैठने के लिए पात्र पाए गए। कहां से कितने पास हुए

लिखित परीक्षा में इतने अभ्यर्थी पास हुए

शिमला मंडल

रिकांगपिओ,92

रामपुर,502

रोहडू़,606

शिमला,1557

सोलन,686

नाहन,736

कुल,4179 हमीरपुर मंडल

नालागढ़,337

ऊना,674

बिलासपुर,829

हमीरपुर,1007

देहरा,618

कुल,3465 धर्मशाला मंडल

धर्मशाला,1179

पालमपुर,583

बैजनाथ,459

पठानकोट,जसूर,714

चंबा,567

कुल,3502 मंडी मंडल-1666

मंडी,424

सुंदरनगर,394

कुल्लू,477

कुल,2961

कुल जोड़-14107 ------------

एचआरटीसी के सीजीएम एचके गुप्ता को सेशन कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली है। उन्हें जांच में सहयोग करना होगा। बाकी आरोपितों से भी पूछताछ हुई है। जांच अंतिम दौर में पहुंच गई है।

प्रमोद शुक्ला, डीएसपी शिमला।


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