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विवि के श्रीखंड छात्रावास के वार्डन का तबादला

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के श्रीखंड छात्रावास की पानी की टंकी से मरा ह

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 09:04 PM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 09:04 PM (IST)
विवि के श्रीखंड छात्रावास के वार्डन का तबादला
विवि के श्रीखंड छात्रावास के वार्डन का तबादला

जागरण संवाददाता,शिमला : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के श्रीखंड छात्रावास की पानी की टंकी से मरा हुआ बंदर मिलने के बाद विवि प्रशासन ने हॉस्टल वार्डन का तबादला कर दिया है। अब हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. नरेश को वार्डन नियुक्त किया है। वहीं हॉस्टल क्लर्क भी स्थानांतरित कर दिया है। यहां वाईएस परमार हॉस्टल के वार्डन डॉ. बलबीर को नियुक्त किया है। अब विवि के 14 हॉस्टलों की पानी की टंकियों की फेंसिंग होगी। विवि प्रशासन ने इसका अनुमानित खर्च करीब 28 लाख रुपये तैयार किया है। अब जल्द ही टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से कार्य आवंटित होगा, लेकिन विवि प्रशासन की लापरवाही के कारण छात्रों को स्वच्छ पानी नहीं मिल पा रहा है। टंकी में बंदर मरने की घटना पहली बार सामने आई है, लेकिन अन्य टंकियों में पानी की गुणवत्ता एवं सफाई व्यवस्था किस तरह की होगी, इसके बारे में विवि प्रशासन के पास कोई ठोस जानकारी नहीं है। कागजों में सफाई व्यवस्था की जाती है, लेकिन हकीकत कुछ ओर ही बयान करती है। खुले ढक्कन होने के कारण टंकियों के भीतर कुछ भी डाला जा सकता है। बीते सप्ताह श्रीखंड हॉस्टल के ऊपर रखी टंकी में मरा हुआ बंदर मिला था। जब छात्रों ने इस बंदर को टंकी के भीतर देखा तो पूरे विवि में हड़कंप मच गया। दिवाली और उसके एक दिन बाद वीरवार को विवि में अवकाश होने के कारण प्रशासन की ओर से कोई भी टंकी साफ करवाने नहीं पहुंचा। छात्रावास में रह रहे छात्रों ने इस पानी को पीने में भी इस्तेमाल किया है, इसलिए अब उनके बीमार पड़ने की संभावना है। पानी की सप्लाई करने वालों ने भी टंकी की तरफ ध्यान नहीं दिया। छात्रों का कहना है कि अगर टंकी की ढक्कन पक्का होता तो यह घटना ही नहीं होती। दिवाली की छुट्टियों के कारण छात्रावास की मेस बंद था, इसलिए अधिकतर बच्चों ने बाहर ही खाना खाया। विश्वविद्यालय के के चीफ वार्डन प्रो. नैन सिंह ने कहा कि दो वार्डन की नियुक्ति कर दी गई है।

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ऐसे लगा बंदर मरने का पता

टैगोर छात्रावास के वार्डन तेजिंद्र नेगी और श्रीखंड छात्रावास के विक्की दिवाली के दिन छत पर बैठे थे। इसी बीच वहा टंकी के पास बंदरों ने शोर मचाया तो वहां जाकर देखा। टंकी का ढक्कन खुला था और दुर्गध आ रही थी। अंदर देखा तो बंदर पड़ा हुआ था। छात्रों ने कहा कि उन्होंने इसकी सूचना वार्डन को दे दी थी, लेकिन अवकाश होने के कारण बंदर को सफाई कर्मी ने बाहर निकाला।


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