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खाद, कीटनाशक नहीं, इस बार दें नकद पैसे

कई वर्षों से सरकार को सेब बेचने के बाद भी पैसे का इंतजार कर रहे बागवानों ने क‌र्फ्यू और लॉकडाउन की इस स्थिति में सरकार से नकद भुगतान की मांग उठाई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Mar 2020 06:43 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2020 06:43 PM (IST)
खाद, कीटनाशक नहीं, इस बार दें नकद पैसे
खाद, कीटनाशक नहीं, इस बार दें नकद पैसे

यादवेन्द्र शर्मा, शिमला

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सरकार को सेब बेचने के बाद भी पैसे का इंतजार कर रहे बागवानों ने क‌र्फ्यू और लॉकडाउन की स्थिति में सरकार से नकद भुगतान की मांग उठाई है। एचपीएमसी यानि हिमाचल प्रदेश बागवानी उत्पादन विपणन और प्रसंस्करण निगम व हिमफेड ने बीते वर्ष न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमआइएस) के तहत खरीदे सेब की एवज में अभी भी करीब तीस करोड़ रुपये की राशि बागवानों को नहीं दी है। इनमें छह करोड़ रुपये तो कई वर्षो से नहीं दिए हैं। एचपीएमसी और हिमफेड हर वर्ष सेब खरीद कर दवाएं, उपकरण, ट्रे आदि बागवानों को देता है। नकद भुगतान नहीं किया जाता है। इस बार बागवानों ने ऐसी हालत में नकद राशि प्रदान करने की मांग की है।

बीते सेब सीजन के दौरान एचपीएमसी ने 33 हजार मीट्रिक टन से अधिक सेब की खरीद की थी। इसमें अभी बहुत बागवानों को सामान नहीं दिया है। एचपीएमसी ने छह करोड़ रुपये सरकार से मांगे थे और यह राशि दो दिन में एचपीएमसी को मिल जाएगी। एचपीएमसी भी इस मुश्किल घड़ी में बागवानों को नकद राशि देकर राहत पहुंचाएगा। हालांकि अभी छोटे और मध्यम श्रेणी के बागवानों को भुगतान करने पर विचार हो रहा है और बाकियों को खाद व दवाएं दी जाएंगी। -न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत खरीदे सेब के एवज में बागवान नकदी की मांग कर रहे हैं। इस पर विचार किया जाएगा और संभव हुआ तो दिया जाएगा। सरकार से छह करोड़ रुपये जल्द मिलने वाले हैं।

-देब श्वेता बनिक, प्रबंध निदेशक एचपीएमसी।

न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत दाम

फल,दाम रुपये प्रतिकिलो

सेब,8.00

आम,7.50

आम आचारी,6.50

किन्नू,संतरा,7.50

गलगल,6.00 सेबों की खरीद

वर्ष,मीट्रिक टन में

2017,24237

2018,8525

2019,33629


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