सिपहिया के निलंबन पर फैसला सुरक्षित
विधि संवाददाता, शिमला : हिमाचल हाईकोर्ट ने कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष जगदीश
विधि संवाददाता, शिमला : हिमाचल हाईकोर्ट ने कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष जगदीश चंद सिपहिया को निलंबित करने से जुड़े मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया। इस मामले में सरकार ने प्रार्थी को आश्वास्त किया है कि इस याचिका के लंबित रहते नए सिरे से घोषित किए गए चुनाव कार्यक्रम पर अमल नहीं किया जाएगा। रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसायटी ने पहले छह अप्रैल व अब 19 जुलाई को पारित आदेश में केसीसी बैंक के अध्यक्ष सहित सभी निदेशकों को निलंबित कर दिया था। 6 अप्रैल के आदेश को 19 जुलाई को तकनीकी कारण बताते हुए वापस ले लिया था और उसी दिन नए आदेश पारित कर फिर से उन्हें निलंबित कर दिया था। रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसायटी व केसीसी बैंक को इस मामले में प्रतिवादी बनाया गया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ के समक्ष जगदीश चंद सिपहिया द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई पूरी हुई।
उल्लेखनीय है कि केसीसी बैंक में कई तरह की अनियमितताएं बरतने के आरोपों को लेकर छह अप्रैल 2018 को रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसायटी ने प्रार्थी जगदीश सिपहिया सहित कुलदीप सिंह पठानिया, अजीत पाल महाजन, प्रेमलता ठाकुर, करनैल सिंह राणा, केशव कोरला, आत्म प्रकाश ठाकुर, छेरिंग ताशी, मनोहर लाल, राजीव गौतम, लेखराज कंवर, सुनील दत्त, संजीव राणा, हितेश्वर सिंह, प्रकाश चंद को क्रमश: अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व निदेशकों के पदों से निलंबित कर दिया था। सिपहिया ने इन आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी परंतु कोर्ट के फैसले से पहले ही सरकार ने निलंबन आदेश वापस ले लिया। यह बात 19 जुलाई को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताई तो प्रार्थी ने याचिका वापस ले ली। उसी दिन रजिस्ट्रार ने फिर से उनके निलंबन आदेश पारित कर दिए। बाद में कागड़ा सेंट्रल को-ओपरेटिव बैंक (केसीसीबी) के नए निदेशक मंडल (बीओडी) के चयन के लिए अतिरिक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा भी कर दी। शेड्यूल के अनुसार चुनाव 26 सितंबर को सुबह दस से तीन बजे तक होंगे। पाच बजे परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। 14 सितंबर तक नामाकन दाखिल किए जा सकते हैं। 17 सितंबर को चुनाव में भाग लेने वाले प्रत्याशियों की सूची जारी होगी। 24 सितंबर को चुनाव प्रचार समाप्त होगा। सरकार ने स्वयं इस शेड्यूल पर फिलहाल अमल न करने की बात कोर्ट को बताई है।