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चौपाल थाना कर्मियों को सम्मानित करना भूला प्रशासन

संवाद सूत्र नेरवा केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वर्ष 2018 में देश की टॉप 10 पुलिस स्टेशनों की सू

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 04:13 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 04:13 PM (IST)
चौपाल थाना कर्मियों को सम्मानित करना भूला प्रशासन
चौपाल थाना कर्मियों को सम्मानित करना भूला प्रशासन

संवाद सूत्र, नेरवा : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वर्ष 2018 में देश की टॉप 10 पुलिस स्टेशनों की सूची तैयार की थी। इस सूची में हिमाचल का एकमात्र चौपाल पुलिस थाना छठे पायदान पर रहा जो कि पूरे प्रदेश के लिए गर्व का विषय है। इस सूची को क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (सीसीआइ) ने राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर तैयार किया गया था। यह देश के सबसे बेहतरीन पुलिस स्टेशनों का आकलन अपराध नियंत्रण, सामुदायिक पुलिसिंग क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिग नेटवर्क सिस्टम और जनता में पुलिस की छवि व्यवहार इत्यादि कई पैरामीटर पर किया गया था इसमें प्रदेश से चौपाल पुलिस स्टेशन को भी टॉप 10 में बेहतरीन पुलिस स्टेशन में चुना गया। वर्ष 2018 में तैनात पुलिसकर्मी बधाई के पात्र हैं। इनकी कार्यकुशलता के बल पर प्रदेश पुलिस का मान तो बढ़ा परंतु इनकी बेहतरीन सेवाओं को प्रशासन व सरकार दोनों ही भूल गए। न तो राज्य सरकार ने इन्हें सम्मानित किया न ही पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों की ओर से कोई प्रशस्ति पत्र दिया गया। वहीं एक तरफ सरकार ने तो अपनी पीठ थपथपा ली, परंतु थाने में तैनात कर्मियों को सरकार और प्रशासन दोनों ही भूल गए जिनके बलबूते पर प्रदेश को यह सम्मान प्राप्त हुआ। उन कर्मियों को सरकार ने सम्मानित करना उचित नहीं समझा।

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चौपाल की जनता में भी नाराजगी देखने को मिल रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बड़े सम्मान तो दूर की बात इन्हें मामूली प्रशस्तिपत्र तक नहीं दिए गए। थाने में तैनात बेहतरीन सेवाओं के लिए यदि सरकार या प्रशासन इनको सम्मानित करता तो इससे इनका मनोबल बढ़ता जिससे ये सभी और बेहतरीन कार्य करते साथ ही इनसे दूसरे कर्मी भी बेहतरीन कार्य के लिए प्रेरित होते। पंचायत समिति सदस्य मनोहर शर्मा, पंचायत प्रधान तपेंद्र सिंह नेगी, समाज सेवी विशाल चौहान, पूर्व प्रधान हरी राम चौहान, दिनेश चौहान आदि ने सरकार से मांग की है कि चौपाल थाने को राष्ट्रीय स्तर पर यह सम्मान दिलवाने वाले थाने के तत्कालीन कर्मचारियों को उचित सम्मान दिया जाए, ताकि इन कर्मचारियों के साथ-साथ अन्य कर्मचारियों का मनोबल भी बढे़।


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