हिमाचल प्रदेश में बदला मौसम, कोरोना काल में स्वास्थ्य के प्रति रहे जागरूक
समय के साथ मौसम में बदलाव आना अच्छा होता है लेकिन एकदम मौसम बदलने से ही मुसीबतों का सामना भी करना पड़ता है। गर्मी व बरसात के बाद एकाएक सर्दी ने दस्तक दे दी है। हिमपात व बारिश से तापमान में भारी गिरावट आई है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। समय के साथ मौसम में बदलाव आना अच्छा होता है लेकिन एकदम मौसम बदलने से ही मुसीबतों का सामना भी करना पड़ता है। गर्मी व बरसात के बाद एकाएक सर्दी ने दस्तक दे दी है। हिमपात व बारिश से तापमान में भारी गिरावट आई है। इससे लोग बीमार भी होने लगे हैं। अधिकतर मरीज सर्दी-जुकाम व बुखार के हैं। सर्दी जुकाम इसलिए गंभीर है क्योंकि अभी वैश्विक महामारी कोविड 19 का प्रकोप थमा नहीं है। हिमाचल प्रदेश में अभी तक एक हजार से अधिक सक्रिय मामले हैं जबकि हर रोज सौ से ज्यादा मामले आ रहे हैं। महामारी के इस दौर में लोगों को सर्दी व जुकाम से अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए। अगर कोई व्यक्ति इसकी चपेट में आ जाता है तो उसे पूरी एहतियात बरतनी चाहिए।
इस स्थिति में व्यक्ति को कोरोना संक्रमण के दौरान बरती गई हिदायतों का ही पालन करना चाहिए। यदि किसी को बुखार इत्यादि है तो तत्काल चिकित्सक की सलाह लें। सर्दी जुकाम भी एक-दूसरे से फैलता है। मौसम विभाग ने लोगों को दो दिन भारी बारिश व हिमपात वाले क्षेत्रों में न जाने और नदी नालों से दूर रहने की सलाह दी थी। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात हो रहा है जबकि निचले क्षेत्रों में बारिश जारी है।
कुछ दिन से मौसम में बदलाव आ रहा था। सुबह-शाम ठंड महसूस की जा रही थी जबकि दोपहर के समय गर्मी पड़ रही थी। मौसम में आए बदलाव से किसानों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। खेतों में तैयार धान की फसल भीग गई है जबकि मंडियों में रखा गया धान खुले में भीग गया है। इसमें मंडी प्रबंधन की भी लापरवाही सामने आई है। मौसम विभाग ने कुछ दिन पहले ही पूर्वानुमान जारी किया था।
ऐसे में प्रबंधन को मंडियों में धान को भीगने से बचान के प्रबंध करने चाहिए थे। अब जो धान भीग चुका है उसे सुखाने की व्यवस्था करनी चाहिए व किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिया जाना चाहिए ताकि वे उधार इत्यादि को चुकता कर सकें और आगे फसलों के लिए भी बीज इत्यादि की व्यवस्था कर सकें। लोगों को चाहिए कि मौसम में आए बदलाव के अनुसार अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें।