Himachal Weather: हिमाचल में झमाझम बारिश और ओलावृष्टि, 11 जिलों के लिए आरेंज अलर्ट जारी
मौसम विभाग के अनुसार आगामी तीन दिनों तक इसका प्रभाव रहेगा। इसके कारण प्रदेश के ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी जबकि अन्य क्षेत्रों में ओलावृष्टि व वर्षा की संभावना है। इस दौरान 30 से 40 किलोमीटर से ज्यादा तेज आंधी चलने की आशंका है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए ताजा पूर्वानुमान के अनुसार सोमवार को एक बार फिर पश्चिमी विक्षोभ अपना असर दिखाएगा। इसके कारण लाहुल स्पीति को छोड़ बाकी जिलों में आंधी व ओलावृष्टि के साथ भारी वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान 30 से 40 किलोमीटर से ज्यादा तेज आंधी चलने की आशंका है। इस दौरान संचार यातायात और विद्युत सेवाएं के प्रभावित होने का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार आगामी तीन दिनों तक इसका प्रभाव रहेगा। इसके कारण प्रदेश के ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी जबकि अन्य क्षेत्रों में ओलावृष्टि व वर्षा की संभावना है।
रविवार को प्रदेश के अधिकतर स्थानों पर मौसम के साफ रहने और कुछ स्थानों पर बादलों के छाने के बावजूद अधिकतम तापमान में एक से चार डिग्री तक की वृद्धि दर्ज की गई है। अधिकतम तापमान में सबसे अधिक वृद्धि लाहुल स्पीति के कुकुमसेरी में चार डिग्री, कुल्लू के भुंतर में 3.2 डिग्री की आई है। जबकि न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री का अंतर आया है। धूप के खिलने से सोलन और सुंदरगनर से ज्यादा गर्म इन दिनों शिमला की रातें दर्ज की जा रही हैं।
हिमाचल मौसम
हिमाचल प्रदेश में मई में इस बार जमकर मेघ बरसे और पुराने सारे रिकार्ड ध्वस्त हो गए। प्रदेश में मई माह में अब तक सामान्य से 67 प्रतिशत अधिक वर्षा हो चुकी है। कांगड़ा व सिरमौर में मई में आज तक की सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई है। इस बार अभी तक कांगड़ा में 113.1 मिलीमीटर वर्षा दर्ज हो चुकी है। जबकि इससे पूर्व सबसे अधिक वर्षा मई 2016 में 101.7 मिलीमीटर, सिरमौर में अभी तक 105.9 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। जबकि सिरमौर में इससे पूर्व मई माह में सबसे अधिक वर्षा 2011 में 100.1 मिलीमीटर दर्ज की गई थी। मइ्र माह की वर्षा ने जमकर कहर बरपाया है और एक माह में 90 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।
प्रदेश में मई माह में सबसे अधिक वर्षा सोलन में 143.9 मिलीमीटर हुई है जो सामान्य से 227 प्रतिशत अधिक है। हालांकि मई 2021 में इससे भी अधिक 148.9 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है जो आज तक की सोलन में सबसे अधिक है। मौसम विभाग ने अभी आगामी तीन दिनों में भारी वर्षा और ओलावृष्टि को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। ऐसे में कई और पुराने रिकार्ड मई माह में वर्षा के ध्वस्त होने की बात की जा रही है।
रबी की फसलों को 40 प्रतिशत व सेब सहित गुठलीदार फलों को 30 से 40 प्रतिशत नुकसान
मई माह में आंधी, ओलावृष्टि व भारी वर्षा के कारण इस बार रबी की फसलों को 40 प्रतिशत जबकि सेब सहित अन्य गुठलीदार फलों को 30 से 40 प्रतिशत का नुकसान हुआ है। इसका सीधा असर किसानों और बागवानों की आर्थिकी पर पड़ा है। सर्दियों में कम बर्फबारी व वर्षा का परिणाम है कि मई माह में इतनी अधिक वर्षा दर्ज की गई। जिसके कारण बहुत अधिक नुकसान हुअ।