Himachal Vidhan Sabha Session: रमेश धवाला बोले, नए मंत्री हैं थोड़ा ही पूछूंगा, जानिए पूरा मामला
Himachal Vidhan Sabha Session हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन वीरवार को पूर्व मंत्री रमेश धवाला ने नए मंत्री से एक सवाल किया।
शिमला, जेएनएन। हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन वीरवार को पूर्व मंत्री रमेश धवाला ने नए मंत्री से एक सवाल किया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि क्योंकि ऊर्जा मंत्री नए हैं, इसलिए थोड़ा ही पूछेंगे। उन्होंने कहा कि बीटेक युवा गांव- गांव घूम रहे हैं, क्या उन्हें सौर ऊर्ता प्रोजेक्ट तैयार करने का जिम्मा नहीं सौंपा जा सकता है? ऐसे प्रोजेक्ट छह महीने में तैयार हो जाते हैं।
ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में पांच मेगावाट तक के बिजली प्रोजेक्टों के शेयर 49 फीसद गैर हिमाचलियों को स्थानांतरित अथवा बेचे जा सकते हैं। जबकि इनके शेयर अन्य स्थायी हिमाचलियों को सौ फीसद तक बेचे जा सकते हैं। पांच मेगावाट से अधिक क्षमता के प्रोजेक्टों के लिए भी बेचने के नियम बनाए गए हैं। ऊर्जा नीति के अनुसार आवंटन के बाद जो प्रोजेक्ट निर्माता वित्तीय कठिनाइयों व अन्य कारणों से इसे चलाने में असमर्थ हो, को अपनी 100 प्रतिशत तक के इक्विटी शेयर एक चौथाई किसी अन्य को स्थानांतरण अथवा विक्रय करने का प्रावधान किया गया है।
बशर्ते नई इकाई की वित्तीय व तकनीकी क्षमता विक्रेता इकाई से अधिक हो, क्रेता व विक्रेता इकाई का वैध निवेशक मंडल का प्रस्ताव संलग्न किया गया हो। इसमें साफ तौर पर यह स्पष्ट हो कि विक्रेता इकाई की सरकार के प्रति सभी देनदारियां क्रेता द्वारा वहन की जाएगी। स्थानांतरण अथवा विक्रय के लिए 50 हजार रुपये प्रति मेगावाट की दर से जो अधिकतम 50 लाख रुपये तक है, का भुगतान करना होगा। इसके अतिरिक्त यह भी प्रावधान है कि यदि कोई भी प्रोजेक्ट निर्माता सरकार की पूर्व अनुमति के बगैर इक्विटी परिवर्तन या कंपनी का नाम बदलता है तो उसे 20 हजार रुपये प्रति मेगावाट की दर से जुर्माना देना होगा । यह अधिकतम 20 लाख रूपये तक हो सकता है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा इकाईयों को हिमाचली युवाओं को आवंटित करने में कोई पाबंदी नहीं है।