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    TET अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट जाएगी हिमाचल सरकार, प्रस्ताव तैयार करने का आदेश; संघ की भी आई प्रतिक्रिया

    By Jagran News Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Sat, 01 Nov 2025 03:43 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों के लिए टेट अनिवार्य किया, जिसके खिलाफ हिमाचल सरकार पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने विभागीय समीक्षा बैठक में इस पर चर्चा की। विभाग उन शिक्षकों का रिकॉर्ड तैयार कर रहा है जो टेट उत्तीर्ण नहीं हैं। संघ ने भी सरकार के इस कदम का स्वागत किया है और जल्द याचिका दायर करने का आग्रह किया है।

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    शिक्षकों के लिए टेट अनिवार्यता के विरुद्ध हिमाचल सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी। प्रतीकात्मक फोटो

    राज्य ब्यूरो, शिमला। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों की नौकरी जारी रखने और पदोन्नति के लिए अध्यापक पात्रता परीक्षा (टेट) उत्तीर्ण करना अनिवार्य किया है। राज्य सरकार इस निर्णय को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। बीते वीरवार को राज्य सचिवालय में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में हुई विभागीय समीक्षा बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा की गई है। 

    बैठक में निदेशक स्कूल शिक्षा विभाग को कहा है कि वह इसका खाका तैयार करें कि प्रदेश में कितने ऐसे शिक्षक हैं जो टेट उत्तीर्ण नहीं हैं और इनकी नियुक्ति कब हुई थी। इनकी सेवानिवृत्ति में अब कितना समय बचा है। पूरा रिकार्ड आने के बाद इसको लेकर पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी।

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    अनुबंध, नियमित शिक्षकों के अलावा अस्थायी भर्तियों में भी टेट को अनिवार्य किया है। पहले जो शिक्षक लगे हैं वे सेवानिवृत्त होने वाले हैं। ऐसे में उन्हें राहत दी जानी चाहिए।

    कई राज्य जा चुके हैं सुप्रीम कोर्ट

    कई राज्य इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट पहले ही जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश, राजस्थान ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है। विभाग ने इसको लेकर पहले भी सभी स्कूलों से इसकी सूची मांगी थी, लेकिन जिलों से रिकार्ड नहीं आया है। विधि विभाग से भी इस मामले में राय ली जा चुकी है।

    आरटीई में टेट किया था अनिवार्य

    वर्ष 2009 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) लागू किया गया था। इसमें टेट अनिवार्य किया गया था। हिमाचल में 2010 में टेट आरंभ किया था। 

    2010 से पहले लगे शिक्षक नहीं हैं टेट पास

    2010 से पहले जितने भी शिक्षक लगे हैं वे टेट उत्तीर्ण नहीं हैं। पहली सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को पढ़ाने वाले सभी सरकारी-निजी शिक्षकों के लिए टेट अनिवार्य कर दिया है।

    परीक्षा पास न करने वालों को छोड़ने होगी नौकरी

    जिन शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु में पांच साल से अधिक का समय है, उन्हें यह परीक्षा पास करनी होगी। जिनकी सेवा के केवल पांच साल बचे हैं, उन पर इस आदेश का फर्क नहीं पड़ेगा। परीक्षा पास न करने वाले शिक्षकों को नौकरी छोड़नी पड़ेगी।

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    अविलंब दायर की जाए टेट रिव्यू याचिका : संघ

    राजकीय टीजीटी कला संघ हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर द्वारा टेट मामले में सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू याचिका दायर करने के निर्णय का स्वागत किया है। संघ के महासचिव विजय हीर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में 1 सितम्बर 2025 को टीईटी अनिवार्यता पर निर्णय आया था और लिमिटेशन एक्ट के तहत सुप्रीम कोर्ट में एक माह के भीतर रिव्यू याचिका दायर करनी चाहिए थी। अब जबकि यह अवधि समाप्त हो चुकी है, संघ का आग्रह है कि देरी में माफी की अर्जी के साथ यह रिव्यू याचिका अविलंब दायर की जाए।

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