Himachal School News: महीने में एक दिन स्थानीय भाषा में विद्यार्थियों से संवाद करेंगे शिक्षक, दिन व समय भी किया तय
Himachal Pradesh School News हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब शिक्षक विद्यार्थियों से महीने के आखिरी शनिवार को स्थानीय भाषा में संवाद करेंगे। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। बैग फ्री डे पर होने वाली इस गतिविधि का उद्देश्य छात्रों को अपनी सांस्कृतिक विरासत और भाषा से जोड़ना है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh School News, हिमाचल के सरकारी स्कूलों में शिक्षक विद्यार्थियों के साथ स्थानीय भाषा में संवाद करेंगे। यह संवाद रोजाना नहीं, बल्कि महीने के अंतिम शनिवार को होगा। प्रत्येक सरकारी स्कूल में शिक्षक विद्यार्थियों के साथ आधा घंटा स्थानीय भाषा में संवाद अनिवार्य किया है।
स्कूल शिक्षा निदेशक की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। महीने के अंतिम शनिवार को बैग फ्री डे होता है। इस दिन विद्यार्थी बिना बैग के स्कूल आते हैं। स्कूल में इस दिन पढ़ाई से हटकर गतिविधियां करवाई जाती हैं। इसमें अब स्थानीय बोली में संवाद का नया नियम लागू कर दिया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्थानीय भाषा में पढ़ाई करवाने का प्रविधान है। राज्य सरकार की इस पहल से विद्यार्थी अपनी स्थानीय भाषा में बात करेंगे। अपनी संस्कृति, भाषा को सहेज कर रखने के लिए सरकार की यह पहल काफी अहम है। शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों को जारी पत्र में सभी स्कूलों के मुखिया को इन आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने को कहा गया है।
हर महीने के अंतिम शनिवार को होता है बैग फ्री डे
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में हर महीने के अंतिम शनिवार को बैग फ्री डे मनाया जाएगा। इस दिन, छात्रों को बिना किताबों के स्कूल जाना होता है। स्कूल में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में भाग लेना अनिवार्य किया गया है। इन गतिविधियों में प्रार्थना सभा, खेल, पेंटिंग, सांस्कृतिक कार्यक्रम, वाद-विवाद प्रतियोगिताएं और स्वच्छता अभियान शामिल हैं।
हिमाचल के हर जिला में बोली जाती है अलग-अलग बोलियां
हिमाचल प्रदेश में हर जिला की अलग अलग स्थानीय भाषा है। शिमला जिला में पहाड़ी भाषा बोली जाती है। सीमावर्ती क्षेत्रों में पंजाबी बोली जाती है। ऊना, नालागढ़, बद्दी क्षेत्रों में पंजाबी बोली जाती है। चंबा जिला में चंबयाली व डोगरी भाषा बोली जाती है। कांगड़ा जिला में कांगड़ी, किन्नौर में किन्नौरी, मंडी में मंडयाली, सिरमौर में सिरमौरी, कुल्लू में कुल्लवी, लाहुल स्पीति में भी स्थानीय भाषा बोली जाती हैं।
पढ़ाई के साथ सांस्कृतिक विरासत को भी सहेजा जाएगा
बैग फ्री डे के दिन आधा घंटा शिक्षक विद्यार्थियों के साथ स्थानीय भाषा में संवाद करेंगे। पढ़ाई के साथ विद्यार्थियों को अपनी सांस्कृतिक विरासत, स्थानीय भाषा के बारे में बताया जाएगा। स्थानीय भाषा व सांस्कृतिक विरासत को सहेज कर रखने की दिशा में भी यह कदम अहम भूमिका निभाएगा।
-रोहित ठाकुर, शिक्षा मंत्री, हिमाचल प्रदेश सरकार।
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