हिमाचल पुलिस मुख्यालय हुआ डिजिटल, अब डाक लेकर नहीं दौड़ेंगे कर्मचारी, ई-आफिस पर होंगे ये सारे काम
हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग ने पारदर्शिता और डिजिटल तकनीक को बढ़ावा देने के लिए ई-ऑफिस प्रणाली शुरू की है। अब सभी आधिकारिक पत्राचार ई-ऑफिस के माध्यम से होंगे, जिससे समय और पैसे की बचत होगी। मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में इसकी घोषणा की थी। डीजीपी ने देरी होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।

हिमाचल प्रदेश पुलिस के महानिदेशक अशोक तिवारी। जागरण आर्काइव
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग ने कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने और डिजिटल तकनीक को बढ़ावा देने के लिए नई पहल शुरू की है। पुलिस मुख्यालय शिमला में पहली नवंबर से ई-आफिस प्रणाली को पूरी तरह से लागू किया गया है।
अब सभी आधिकारिक पत्राचार केवल ई-आफिस के माध्यम से ही किया जाएगा, जबकि भौतिक डाक या फाइल मूवमेंट पूरी तरह से बंद रहेगा। पुलिस महानिदेशक (कार्यवाहक) अशोक तिवारी ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालयों से भी पत्राचार ई-आफिस के माध्यम से होगा।
सीएम ने की थी बजट भाषण में घोषणा, एसीआर भी ऑनलाइन होगी
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने बजट भाषण में इस प्रणाली की घोषणा की थी। पुलिस मुख्यालय की डिजिटलीकरण की इस मुहिम से सुशासन, पारदर्शिता और त्वरित निर्णय प्रक्रिया सुनिश्चित की जा सकेगी। वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) विभागीय पदोन्नति और डीपीसी की प्रक्रियाओं से संबंधित फाइलें भी अब ई-आफिस के माध्यम से ही आएंगी।
देरी या लापरवाही पर होगी कार्रवाई
डीजीपी अशोक तिवारी ने स्पष्ट किया है कि ई-आफिस के कार्यान्वयन में देरी या लापरवाही बरतने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, यदि ई-आफिस संचालन में किसी प्रकार की तकनीकी दिक्कत आती है, तो संबंधित जिलों के उपायुक्त कार्यालयों में तैनात सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारियों से सहायता ली जा सकती है।
प्रशिक्षण की आवश्यकता होने पर वह भी प्रदान किया जाएगा। एडीजीपी, आइजीपी और क्षेत्रीय डीआइजी को ई-आफिस की प्रगति की मासिक निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं।
ये होगा लाभ
पुलिस मुख्यालय की इस पहल के कई लाभ होंगे। पुलिस मुख्यालय को डाक देने के लिए जो कर्मचारी दिनभर दौड़े रहते हैं, वह प्रक्रिया बंद होगी। इनका उपयोग किसी अन्य कार्य में किया जा सकता है। इसी तरह चिट्ठी भेजने में समय व पैसों की बर्बादी नहीं होगी। कागज का खर्च भी बचेगा।
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सचिवालय में प्रयोग नहीं हुआ था सफल
राज्य सचिवालय शिमला में भी इस तरह का प्रयोग किया गया था, लेकिन यह प्रणाली ज्यादा सफल नहीं हो पाई। हालांकि सचिवालय में ई-आफिस प्रणाली लागू है। ज्यादातर फाइलों को ई-आफिस से ही अप्रूव किया जाता है, लेकिन कुछ फाइलें भी आती हैं। इससे यह प्रणाली पूरी तरह वहां लागू नहीं हो पाई है।

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