Himachal News: हिमाचल के 954 स्कूलों में शुरू होंगे 12 नए वोकेशनल कोर्स, 1388 करोड़ रुपये मंजूर
शिक्षा क्षेत्र में नई योजनाएं शुरू करने खेल गतिविधियों को बढ़ाने पुस्तकालयों को मजबूत करने डिजिटलाइजेशन के लिए बजट खर्च किया जाएगा। एसएसए गुणात्मक शिक्षा के लिए शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण देगा। शिक्षा मंत्री ने कहा की विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा देने की दिशा में काम किया जा रहा है।
शिमला, जागरण संवाददाता। हिमाचल की 954 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में 12 नए वोकेशनल विषय शुरू होंगे। इनमें कृषि व बागवानी से आधारित ज्यादातर विषय शामिल होंगे। इसके लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए हिमाचल के लिए 1388 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इसमें 1208 करोड़ समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) व 180 करोड़ रुपये स्ट्रेथनिंग टीचिंग लर्निंग एंड रिजल्ट फार स्टेटस प्रोजेक्ट (स्टार्स प्रोजेक्ट) के तहत स्वीकृत किए गए हैं।
बुधवार को एसएसए की प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की आनलाइन बैठक में प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए प्रस्तुत वार्षिक बजट पर चर्चा की गई। सचिव शिक्षा डा. अभिषेक जैन हिमाचल की तरफ से बैठक में आनलाइन जुड़े जबकि एसएसए के राज्य परियोजना निदेशक राजेश शर्मा ने प्रेजेंटेशन दी। हिमाचल के स्कूलों में स्मार्ट क्लास रूम, स्कूल भवनों की मरम्मत, भवनों के निर्माण, पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को वर्दी व किताबों पर पैसा खर्च किया जाएगा।
शिक्षा क्षेत्र में नई योजनाएं शुरू करने, खेल गतिविधियों को बढ़ाने, पुस्तकालयों को मजबूत करने, डिजिटलाइजेशन के लिए बजट खर्च किया जाएगा। एसएसए गुणात्मक शिक्षा के लिए शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण देगा। इसमें खेल-खेल में बच्चों को पढ़ाने की तकनीक की जानकारी दी जाएगी। पिछले वित्तीय वर्ष में 800 करोड़ रुपये केंद्र ने मंजूर किए थे लेकिन 350 करोड़ रुपये ही मिले थे।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा की विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा देने की दिशा में काम किया जा रहा है। सरकारी स्कूलों में सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा, रिक्त पद भरे जाएंगे और स्मार्ट क्लास रूम बनाए जाएंगे ताकि बेहतर शिक्षा मिल सके।
स्टार्स प्रोजेक्ट बदलेगा स्कूलों की सूरत
स्टार्स प्रोजेक्ट के तहत मंजूर बजट अलग-अलग मदों में मिलेगा। स्टार्स प्रोजेक्ट के तहत सरकारी स्कूलों में निजी की तर्ज पर सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा और प्री प्राइमरी स्कूलों को मजबूत किया जाएगा। स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे। सरकारी स्कूलों में अधिक से अधिक कंप्यूटर लगाए जाएंगे। शिक्षकों के प्रशिक्षण केंद्रों को आधुनिक किया जाएगा।