हिमाचल में सड़क पर बेसहारा घूम रहे पशुओं पर हाई कोर्ट का संज्ञान, गौसदन का मांगा विवरण; सरकार को जिलावार गणना का आदेश
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने सड़कों पर बेसहारा घूम रहे पशुओं की समस्या पर स्वतः संज्ञान लिया है। अदालत ने सरकार से गौसदनों का विवरण और राज्य में बेसहारा पशुओं की जिलावार गणना करने का आदेश दिया है। सरकार को इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है। उच्च न्यायालय इस मामले की अगली सुनवाई में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा करेगा।

सड़कों पर घूमते बेसहारा पशु। प्रतीकात्मक फोटो
विधि संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को सड़कों पर बेसहारा घूमने वाले पशुओं की जिलावार गणना करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने सभी गो अभयारण्यों में पहले से रखे गए पशुओं का विवरण मांगा और बेसहारा पशुओं को टैग करने के लिए कदम उठाने का निर्देश भी दिया है।
कोर्ट ने कहा कि बेसहारा पशुओं की गणना करने से सरकार के पास कम से कम आने वाले वर्षों के लिए एक भविष्य की योजना तैयार करने और इस समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद मिलेगी। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया व न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किए।
याचिकाकर्ता ने बताया कि बेसहारा पशुओं की समस्या का समाधान तभी ठीक से किया जा सकता है, जब सबसे पहले इनकी गणना होगी। पशुपालन विभाग के सचिव ने हलफनामा दायर कर बताया कि 21,306 पशुओं को गो अभयारण्य/गोशालाओं में रखा गया है और राज्य में 15 गो अभयारण्य कार्यरत व सात निर्माणाधीन हैं।
श्रीज्वालामुखी मंदिर ट्रस्ट कर रहा लुथान गो अभयारण्य का संचालन
राधे कृष्ण गोधाम गो अभयारण्य लुथान (कांगड़ा) में आठ सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और तुड़ी स्टोर का 65 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है। इस अभयारण्य का रखरखाव ज्वालामुखी मंदिर ट्रस्ट की ओर से किया जाएगा। एक अगस्त 2025 की समाचार रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह उल्लेख किया गया है कि पितृतर्पण गोसदन में 30 पशुओं की क्षमता के बजाय 35 रखे हैं।
कुंदन गो अभयारण्य देवभूमि गोरक्षा फाउंडेशन को सौंपा
उपतहसील चच्चियां के तहत कुंदन में गो अभयारण्य को मार्च 2025 में पशुपालन विभाग को सौंप दिया था और इसे आगे देवभूमि गोरक्षा फाउंडेशन को सौंप दिया है। इसे चलाने के लिए उपायुक्त ने धर्मशाला में आधिकारिक/गैर आधिकारिक सदस्यों की एक समिति गठित की है।

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