माननीयों का आयकर न भरने के संबंध में जल्द होगा बड़ा फैसला, सीएम ने दिए संकेत
हिमाचल सरकार माननीयाें का आयकर न भरने के संबंध में जल्द ही बड़ा फैसला लेगी सीएम जयराम ठाकुर ने पत्रकार वार्ता में ऐसे संकेत दिये हैं।
शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल सरकार अब अपने खर्चों में कटौती करेगी। माननीयों का आयकर नहीं भरने के संबंध में जल्द बड़ा फैसला लिया जाएगा। मंत्रियों व विधायकों का यात्रा भत्ता सालाना ढाई लाख से चार लाख रुपये किए जाने पर कटौती करने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। मंत्रियों व अधिकारियों के जलपान के खर्चों में भी कमी होगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला में पत्रकारों से बातचीत में इस संबंध में स्पष्ट संकेत दिए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार जल्दबाजी में नहीं है। हम गैर जरूरी खर्चों को कम करेंगे। विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्रियों व विधायकों के आयकर को सरकारी कोष से बंद किए जाने पर भी स्वत: संज्ञान लिया गया है। कौन-कौन से खर्चे कम हो सकते हैं, सरकार इस पर विचार कर रही है और जल्द बड़ी खबर देंगे।
वहीं, दैनिक जागरण की मुहिम अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचने लगी है। दैनिक जागरण ने यह मामला प्रमुखता से उठाया था। सरकार ने महसूस किया है कि माननीयों का आयकर माननीय अपनी जेब से अदा करें। इस संबंध में जयराम सरकार उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के नक्शेकदम पर चलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू के सरकार को पत्र लिखने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। सरकार इस मामले में पहले ही जागरूक है। कुछ मुद्दे सरकार के विचाराधीन हैं। ऐसे में भाजपा सरकार विपक्ष को किसी मुद्दे का श्रेय नहीं देना चाहती है
सरकार भरती है आयकर
पचास हजार करोड़ रुपये के कर्ज में डूबे हिमाचल में मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष, मंत्रियों व विधायकों का आयकर सरकार भरती है। सरकार अपने सरकारी खजाने से सालाना चार करोड़ से अधिक का आयकर भर रही है। पूर्व विधायकों का भी करीब दो करोड़ रुपये आयकर सरकार चुका रही है।
माननीयों का औसत वेतन (भत्तों सहित) ढाई लाख रुपये है। मंत्रियों का वेतन इनसे 15 से 20 हजार रुपये ज्यादा है। माननीयों के वेतन भत्ते तय करने के लिए तय फॉर्मूला नहीं है। इनमें विधेयक लाकर बढ़ोतरी की जाती है।
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