हिमाचल सरकार मांगेगी पंजाब, हरियाणा व दिल्ली से पानी की रॉयल्टी
चंडीगढ़ प्रेस क्लब में जयराम ठाकुर ने कहा कि पानी को लेकर उनकी सरकार कानूनी रूप से अपना हक मांगेगी।
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहे पानी के विवाद में अब हिमाचल सरकार भी कूद गई है। हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को चंडीगढ़ में कहा कि उनकी सरकार पंजाब व हरियाणा और दिल्ली से पानी की रॉयल्टी मांगेगी। इस बारे में उनकी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से बात हुई है। हालांकि उनकी पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह से मुलाकात नहीं हो पाई।
चंडीगढ़ प्रेस क्लब में जयराम ठाकुर ने कहा कि पानी को लेकर उनकी सरकार कानूनी रूप से अपना हक मांगेगी। इसका अधिकार सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में दिया है, क्योंकि इन राज्यों को जाने वाला पानी हिमाचल से ही आता है। चाहे भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) के प्रोजेक्टों पर रॉयल्टी का मामला हो या पानी का, हिमाचल को उसका हक मिलना चाहिए। चंडीगढ़ में हिमाचल प्रदेश का भी हिस्सा है। यह 7.19 फीसद है।
रॉयल्टी को लेकर दावा ठोकने से पंजाब व हरियाणा की परेशानी बढ़ सकती है। क्योंकि दोनों ही राज्यों में पानी को लेकर विवाद है और पंजाब विधानसभा ने हरियाणा, दिल्ली व राजस्थान से रॉयल्टी वसूलने को लेकर 2016 में प्रस्ताव पास किया हुआ है। हालांकि, विधानसभा में यह प्रस्ताव जरूर पास हुआ, लेकिन तत्कालीन अकाली-भाजपा सरकार और वर्तमान में कांग्रेस सरकार ने इस दिशा में कोई भी कदम नहीं बढ़ाया।
कुल्लू-मनाली से लद्दाख तक बिछे रेल लाइन
चीन के हिमाचल की सीमा तक पहुंचने पर भी उन्होंने चिंता व्यक्त की। जयराम ने कहा कि यह मुद्दा उन्होंने केंद्र सरकार के समक्ष रखा है। चूंकि चीन सीमा तक पहुंच गया है, अत: यह जरूरी हो गया है कि हिमाचल में रेल का विस्तार हो। कुल्लू-मनाली से होते हुए लेह लद्दाख तक रेल लाइन बिछाई जानी चाहिए। साथ ही बॉर्डर इलाके को देख मुख्यमंत्री ने कांगड़ा में एयरपोर्ट के विस्तार की भी मांग की है, जो प्रस्ताव केंद्र सरकार ने भी स्वीकार कर लिया है।