अब बनेगा छह माह का रोडमैप
प्रदेश भाजपा सरकार का 100 दिन का कार्यकाल सोमवार को पूरा हो गया है।
रमेश सिंगटा, शिमला
प्रदेश भाजपा सरकार का 100 दिन का कार्यकाल सोमवार को पूरा हो गया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मीडिया के साथ संवाद सत्र में प्रदेश सरकार का रिपोर्ट कार्ड रखा व भावी योजनाओं की जानकारी दी। जयराम की नजर में 100 दिन का कार्यकाल बेमिसाल रहा और उन्होंने सभी मंत्रियों के काम को नंबर वन बताया। बकौल जयराम, अब छह महीने का एजेंडा तैयार होगा, जिस पर पूरा फोकस रहेगा। इस अवधि में बजट में घोषित 30 नई योजनाओं को धरातल पर उतारा जाएगा। सभी विभागों को 31 मई तक नई योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन का खाका देना होगा। भाजपा की चार्जशीट पर विभागों की रिपोर्ट मांगी गई है जिसके आधार पर सरकार इसकी जांच करवाएगी। भ्रष्टाचार पर करारा वार होगा।
राजनीतिक द्वेष से दर्ज मामले वापस लेने के सवाल पर उनका कहना था कि सरकार बदला-बदली की भावना से कार्य नहीं करेगी। जो गलत हुआ होगा, उस पर कानूनन कार्रवाई होगी। जांच के दौरान अगर नई जानकारी सामने आई हो तो अभियोजन मंजूरी वापस हो सकती है। सरकार की खामियों के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि आर्थिक दृष्टि से चुनौतियां हैं। इसके कारण जहां हमें पहुंचना चाहिए थे, नहीं पहुंच पाए हैं।
जयराम ने कहा कि कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा की चार्जशीट सभी विभागों के पास भेजी गई है। उन्हें रिपोर्ट देने को कहा गया है। उसके मुताबिक आगे बढ़ेंगे। लोकायुक्त की नियुक्ति पर सरकार गंभीर है। संकेत दिया कि जल्द लोकायुक्त की तैनाती होगी। अनुबंध कर्मियों को दो साल में नियमित करने पर विचार किया जा रहा है। पीटीए शिक्षकों के बारे में मुख्य सचिव, कई सचिव मिलकर मंथन कर रहे हैं। क्या किया जा सकता है, हम निर्णय करेंगे। इनके बारे में मानवीय दृष्टिकोण अपनाया जाएगा। सरकार ने दिहाड़ीदार, अंशकालीन महिला कर्मियों को भी मातृत्व अवकाश देने का फैसला लिया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार के कामकाज में दखल पर जयराम ने कहा कि संघ सुझाव देता है, दखल नहीं। यह हमारी विचारधारा का मुख्य स्रोत है। गवर्नेस में बदलाव व अदालती सक्रियता के सवाल पर कोई टिप्पणी नहीं की। कहा, कुछ कदम उठाए हैं, आगे इसका जिक्र करेंगे। सभी मंत्री नंबर वन
उन्होंने सभी मंत्रियों के कामकाज को नंबर वन बताया। कहा, मंत्रिमंडल में टीम वर्क की भावना हैं। जहां कमी है, उसे दूर करेंगे। कैबिनेट बैठकों में फोन ले जाने की मनाही पर उन्होंने कहा कि यह वापस ले ली गई है। कैबिनेट सदस्यों में अविश्वास नहीं है। जो अंदर होता है, वही बाहर कहते हैं। सीपीएस पर जल्दी नहीं
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मुख्य संसदीय सचिवों व संसदीय सचिवों की नियुक्ति पर सरकार को कोई जल्दी नहीं है। पूर्व सरकार की तरह बोर्डो, निगमों के अध्यक्षों, उपाध्यक्षों की तरह फौज खड़ी नहीं की है। नड्डा, धूमल मार्गदर्शक
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जेपी नड्डा, प्रेमकुमार धूमल के सीएम न बनने की कुंठा से सरकार के कामकाज पर असर के संबंध में पूछने पर जयराम का कहना था कि वह व्यवस्था के तहत मुख्यमंत्री बने हैं। यह राष्ट्रीय नेतृत्व का निर्णय है। नड्डा व धूमल सहभागी हैं और मार्गदर्शक भी। कर्ज घटे, फिजूलखर्ची रुके
प्रदेश गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहा है। राज्य पर 46 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज है। सीएम ने कहा कि सरकार कर्जा घटाना चाहती है, जबकि फिजूलखर्ची को कम करेगी। इस दिशा में भी प्रयास किए गए हैं।