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    हिमाचल प्रदेश: ...तो सनातन के अपमान का मुद्दा लेकर चलेगी भाजपा, विधानसभा चुनाव के लिए तय कर दी रणनीति?

    By Jagran News Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Sun, 07 Dec 2025 11:52 AM (IST)

    शिमला से रोहित नागपाल की रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में भाजपा, कांग्रेस पर सनातन के अपमान का आरोप लगा रही है। धर्मशाला रैली में भाजपा नेताओं ने ...और पढ़ें

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    हिमाचल भाजपा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल, सांसद अनुराग ठाकुर व पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर। जागरण आर्काइव

    रोहित नागपाल, शिमला। ऐसा प्रतीत होता है कि हिमाचल प्रदेश के कई स्थानीय ज्वलंत विषयों के साथ भाजपा का प्रमुख मुद्दा सनातन के अपमान का आरोप है जो वह हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस नेतृत्व पर लगाती है। 

    विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान धर्मशाला के जोरावर स्टेडियम में सरकार के विरुद्ध रैली में भाजपा नेताओं का संबोधन इसी पर केंद्रित था। 

    भाजपा, मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू के उस बयान को याद करवाती रहती है जिसमें कहा था कि 2022 के विधानसभा चुनाव में उनकी जीत 97 प्रतिशत हिंदू जनसंख्या वाले राज्य में हुई है।

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    धर्मशाला रैली में दिखी एकजुटता

    धर्मशाला रैली में एक और पक्ष दिखा कि सभी नेता एकजुट दिखे। पार्टी के सभी बड़े नेता साथ चलें, इसलिए सभी को बराबर का अधिमान मिलेगा। इससे अगली तैयारी किन नेताओं की अगुआई में चल रही है इस पर भी सवाल नहीं रहा है। 

    राजीव बिंदल ने दिए संकेत

    मंच से भाजपा सांसद राजीव भारद्वाज के संबोधन में भी इसके संकेत मिले जब उन्होंने कहा कि, ' अब भाजपा जयराम ठाकुर, राजीव बिंदल और अनुराग ठाकुर के नेतृत्व में आगे बढ़ेगी।' 

    किसके लगे नारे

    रैली में एक और बात चर्चा का विषय बनी कि किस नेता के आने पर किसके नारे लगे। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर जब आए तो पंडाल से खूब नारे उठे। रैली के अलावा सत्र में पार्टी ने साफ किया कि चिट्टे के विरुद्ध भाजपा राजनीति से ऊपर आकर काम करने के लिए तैयार है। नशे से समझौता नहीं होगा।

    धारा 118 में संशोधन आज भी बड़ा मुद्दा

    प्रदेश में धारा 118 में संशोधन आज भी किसी अन्य मसले से बड़ा मुद्दा है, इस पर भी पार्टी ने लाइन साफ कर दी है। मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने भी प्रतिपक्ष की बात मानी और धारा 118 में संशोधन का विधेयक प्रवर समिति को भेज दिया।

    क्या है जातीय समीकरण

    पहाड़ पर जातीय समीकरण पर चुनाव होते रहे हैं। प्रदेश में 32 प्रतिशत राजपूत, 25 प्रतिशत अनुसूचित जाति, 18 प्रतिशत ब्राह्मण, 13 प्रतिशत ओबीसी और इनके अलावा अन्य जातियां 12 प्रतिशत के लगभग हैं। 

    सुक्खू के बयान को बताया सनातन का अपमान

    हिमाचल में मुस्लिम जनसंख्या अधिकतम तीन से चार प्रतिशत है। इसके बावजूद भाजपा ने मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू के 2022 के चुनाव के बाद 97 प्रतिशत हिंदू राज्य से जीत का बयान दूसरे राज्यों में देने को सनातन का अपमान बताया है। धर्मशाला की रैली के बाद अब साफ दिख रहा है कि 2027 के चुनाव में पार्टी पहली बार सनातन के मुद्दे पर हिमाचल में चुनावी जंग में उतरती हुई दिख सकती है।

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