हाईकोर्ट ने पूछा, नशे की समस्या पर क्या किया
हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में ड्रग्स की बढ़ती समस्या पर अब हाईकोर्ट ने सीधे सरकार से ही पूछा है कि इसे लेकर प्रदेश में क्या किया गया।
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में नशे की बढ़ती समस्या पर हाईकोर्ट ने सरकार से ही पूछा है कि इसे रोकने के लिए क्या कदम उठाए। प्रदेश उच्च न्यायालय ने मुख्य सचिव से शपथ पत्र देकर यह बताने के लिए कहा है कि नशे की समस्या से निपटने के लिए पंजाब, हरियाणा उत्तराखंड व हिमाचल के मुख्यमंत्रियों की चंडीगढ़ में हुई बैठक के बाद क्या निष्कर्ष सामने आया।
मुख्य न्यायाधीश सूर्यकात व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश कुल्लू जिले के होटलों में ड्रग्स की खरीद-फरोख्त से होने वाले दुष्परिणामों से जुड़ी जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिए। न्यायालय के समक्ष पिछली सुनवाई के दौरान जानकारी दी गई थी कि पंजाब, हरियाणा, हिमाचल व उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों की चंडीगढ़ में 20 अगस्त को बैठक रखी गई है। इसमें मादक पदार्थो से उत्तर भारत में हो रहे कारोबार के कारण उत्पन्न समस्या के समाधान संबंधी निर्णय लिया जाना है। मुख्य सचिव की ओर से दायर किए जाने वाले शपथपत्र के लिए समय की माग की गई, जिस पर कोर्ट ने अतिरिक्त समय देते हुए मामला छह दिसंबर के लिए रखा है।
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बड़े पैमाने पर हुई धरपकड़
न्यायालय में पहले दायर किए गए शपथपत्र के माध्यम से बताया गया था कि मामले में ज्वाइंट टास्क फोर्स का गठन करने के बाद बड़े पैमाने पर नशा कारोबारियों की धरपकड़ की गई। मलाणा गाव व कुल्लू के रेस्टोरेंट, होटल, ढाबों व कसोल के ईद-गिर्द ड्रग्स तस्करी व बिक्री से जुड़े लोगों पर शिकंजा कसा गया। इस कड़ी में अप्रैल, मई व जून के दौरान 94.267 किलो चरस, 3.053 किलो अफीम, 116.972 किलो पॉपी हस्क, 0.496 किलो गाजा, 480.687 ग्राम हिरोइन, 39235 नशीले कैप्सूल व गोलियां, राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से पकड़ी गई। इसके अलावा 133.022 ग्राम स्मैक, 49 ग्राम कोकीन, 718 कफ सिरप व पांच नशीले इंजेक्शन बरामद करने सहित 12936 अफीम के पौधे और 10 हजार भाग के पौधे भी नष्ट किए गए।