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सेनेटरी नैपकिन के लिए तीन करोड़ दे केंद्र : हाईकोर्ट

प्रदेश हाईकोर्ट ने महिलाओं व स्कूली छात्राओं को आसानी से सेनेटरी नैपकिन मुहैया करवाने को लेकर दायर याचिका में केंद्र सरकार को आदेश दिए कि वह राज्य सरकार को स्वच्छ भारत मिशन के तहत इस कार्य हेतु 3 करोड़ रुपये की राशि जारी करे। कोर्ट ने केंद्र सरकार को यह राशि 2 अप्रैल तक जारी करने के आदेश दिए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Jan 2019 10:05 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jan 2019 10:05 PM (IST)
सेनेटरी नैपकिन के लिए तीन करोड़ दे केंद्र : हाईकोर्ट
सेनेटरी नैपकिन के लिए तीन करोड़ दे केंद्र : हाईकोर्ट

जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश हाईकोर्ट ने महिलाओं व स्कूली छात्राओं को आसानी से सेनेटरी नैपकिन मुहैया करवाने को लेकर दायर याचिका में केंद्र सरकार को आदेश दिए कि वह हिमाचल सरकार को स्वच्छ भारत मिशन के तहत इस कार्य के लिए तीन करोड़ रुपये जारी करे। कोर्ट ने केंद्र सरकार को यह राशि दो अप्रैल तक जारी करने का आदेश दिया।

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मामले की सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट को बताया कि प्रदेश के सभी स्कूलों में मांग के हिसाब से छात्राओं को सेनेटरी नैपकिन मुहैया करवाए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने अपने फंड से इसके लिए एक करोड़ रुपये खर्चे हैं। केंद्र सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत घोषित तीन करोड़ रुपये अभी तक नहीं मिले हैं। सेनेटरी नैपकिन वें¨डग मशीनें लगाने का काम जारी है। छह नैपकिन के एक पैकेट की कीमत एक रुपये रखी गई है। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की ओर से बताया गया कि प्रदेश के 53 बस अड्डों में सेनेटरी नैपकिन वें¨डग मशीनें लगाने का काम जारी है। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने प्रेम मोहिनी गुप्ता द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के बाद एचआरटीसी, नगर निगम, नगर परिषद व अन्य स्थानीय निकायों को उनके द्वारा सेनेटरी नैपकिन वें¨डग मशीनें लगाने की स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के आदेश भी दिए। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया था कि महिलाएं व लड़कियां अपने लिए जरूरी सेनेटरी नैपकिन शर्म के कारण दुकानों से नहीं खरीद पाती हैं। इस कारण उन्हें मजबूरन कपड़े का इस्तेमाल करना पड़ता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं व लड़कियों द्वारा कपड़े का इस्तेमाल उनके स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। महिलाएं शर्म के कारण इस्तेमाल किए गए कपड़े को धूप में नहीं सुखा पातीं हैं। इस कारण कीटाणु समाप्त नहीं होते हैं। इन कपड़ों को दोबारा इस्तेमाल से उन्हें गंभीर बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। प्रार्थी ने सभी बड़े संस्थानों, कार्यालयों, स्कूलों, अदालतों व होटलों में प्राथमिकता के तौर पर सेनेटरी नैपकिन वें¨डग मशीनें लगवाने के आदेश की गुहार लगाई है।


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