मंत्री के डीओ नोट के आधार पर हुए तबादला आदेश रद, जानिए वजह
न्यायालय ने यह पाया कि स्थानांतरण आदेश पूरी तरह से राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते किये गए हैं और हाई कोर्ट द्वारा पारित निर्णय के मुताबिक इस तरह के स्थानांतरण आदेशों को कानूनी तौर पर कोई मान्यता नहीं है।
शिमला, विधि संवाददाता। प्रदेश उच्च न्यायालय ने रसायन शास्त्र प्रवक्ता के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री के डीओ नोट के आधार पर किए जारी किए तबादला आदेश को रद कर दिया। न्यायाधीश धर्म चन्द चौधरी और न्यायाधीश ज्योत्सना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने पाया कि स्थानांतरण आदेश ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री के जारी डीओ नोट के आधार पर किया गया है। हाई कोर्ट के विभिन्न मामलों में पारित निर्णय के दृष्टिगत डीओ नोट के आधार पर जारी स्थानांतरण आदेश कानूनन मान्य नहीं है।
याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार प्रार्थी सुरेंद्र कुमार को ऊना जिला के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला अरलू से किसी अन्य वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के लिए स्थानांतरित कर दिया गया। न्यायालय ने मामले के रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद पाया कि इसके लिए मंत्री के दो डीओ नोट क्रमश: 24 और 25 जून को जारी किए। शिक्षा मंत्री को भेजने के बाद डीओ नोट निदेशक उच्च शिक्षा को भेजे गए थे। मुख्यमंत्री की स्वीकृति लेने के पश्चात ट्रांसफर आर्डर पारित किए गए।
न्यायालय ने यह भी पाया कि स्थानांतरण आदेश में यह जताने की कोशिश की गई थी कि यह प्रार्थी के खुद कहने पर किया गया है। तबादला आदेश बिना ज्वाइनिंग समय व स्थानांतरण यात्रा भत्ते के किया गया था। न्यायालय ने पाया कि तबादला आदेश पूरी तरह से राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते किए गए। हाई कोर्ट के पारित निर्णय के मुताबिक इस तरह के स्थानांतरण आदेश को कानूनी तौर पर कोई मान्यता नहीं है। ऐसे में इन स्थानांतरण आदेश को कानून के विपरीत पाते हुए रद कर दिया।