हाईकोर्ट ने खारिज की पत्नी की हत्या के आरोपित की जमानत याचिका
प्रदेश हाईकोर्ट ने पत्नी की हत्या के आरोपित को जमानत पर रिहा करने से इनकार करते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी है।
शिमला, जेएनएन। प्रदेश हाईकोर्ट ने पत्नी की हत्या के आरोपित को जमानत पर रिहा करने से इनकार करते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी है। मंडी जिला के सरकाघाट उपमंडल की गाहर पंचायत की ज्योति शर्मा की मौत को लेकर आरोपित पति अशोक शर्मा 14 नवंबर 2018 से न्यायिक हिरासत में है। न्यायाधीश अनूप चिटकारा ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि आरोपित अदालत के विवेकानुसार जमानत पर रिहा होने का हक नहीं रखता। कोर्ट ने पाया कि मृतिका की मौत शादी के सात साल के भीतर यानी करीब छठे साल मौत हुई और जांच में पाए गए तथ्य भी उसके खिलाफ हैं, इसलिए अदालत विवेकानुसार आरोपित को जमानत पर रिहा करने के लिए पात्र नहीं मानती।
मामले के अनुसार पीड़िता ज्योति की शादी करीब 6 साल पहले गाहर पंचायत के अप्पर गाहर गांव के अशोक शर्मा के साथ हुई थी। आरोपों के अनुसार अशोक शराब के नशे में धुत होकर ज्योति के साथ मारपीट करता था। उसे मायके से दहेज लाने के लिए प्रताड़ित किया जाता था।
आरोप हैं कि 12 नवंबर 2018 को शाम करीब 9 बजे अशोक कुमार नशे में आया और रसोईघर में दोनों में झगड़ा हो गया। झगड़े के दौरान उसने पत्नी पर मिट्टी का तेल छिड़का व आग लगा दी। मरने से पहले महिला ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि उसका पति अशोक शर्मा चालक है, उसकी डेढ़ महीने की एक बच्ची है। घटना के समय जैसे ही वह बच्ची को दूध गर्म करने के लिए किचन में गई और गैस स्टोव जलाया तो गैस लीक होने की वजह से आग भड़क गई और उसके बालों ने आग पकड़ ली। चीखने चिल्लाने पर उसके पति ने उसका बचाव किया। मृतका ने अपने बयान में यह भी कहा कि उसे किसी ने नहीं जलाया।
मृतका के पिता ने पुलिस स्टेशन सरकाघाट में आरोपित के खिलाफ दहेज प्रताड़ना व हत्या का मामला दर्ज करवाया। जांच के दौरान रीजनल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी मंडी की जांच रिपोर्ट में किचन से बरामद एक प्लास्टिक की बोतल व मृतका के अधजले कपड़ों पर मिट्टी का तेल पाया गया। कोर्ट ने मृतका के बयान व जांच के दौरान पाए गए तथ्यों में विरोधाभास पाते हुए कहा कि संभवतः लाचार पीड़िता अपने पति को बचाना चाहती थी, इसलिए उसने पुलिस में ऐसा बयान दिया।
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