बर्फबारी से हिमाचल बेहाल, 350 रूट बंद
प्रदेश में भारी बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राजधानी शिमला से लेकर मनाली, मैकलोडगंज तक बर्फबारी ने लोगों की राह रोक दी है।
जेएनएन, धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में भारी बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राजधानी शिमला से लेकर मनाली, मैकलोडगंज तक बर्फबारी ने लोगों की राह रोक दी है।
शिमला में शाम तक एक फीट बर्फ पड़ चुकी है, जाखू में डेढ़ फीट से ज्यादा हिमपात हुअा है। मनाली में एक फीट के करीब व लाहुल-स्पीति को कुल्लू से जोडऩे वाले रोहतांग दर्रे पर ढाई फीट से ज्यादा बर्फ गिर चुकी है। वहीं धर्मशाला के नड्डी व मैकलोडगंज में आधा फीट से ज्यादा बर्फबारी हुई है। तीनों पर्यटन क्षेत्रों की सड़कें बंद हो गई हैं।
राजधानी शिमला में हालात काफी बद्तर हो गए हैं। शहर में हिमपात के कारण वाहनों की आवाजाही बंद है। कई जगह पर्यटकों के वाहन फंसे हुए हैं। कुफरी में एक फीट से ज्यादा बर्फबारी हो चुकी है। टुटू से बालूगंज सड़क के बीच कई जगह दर्जनों वाहन फंस गए हैं। शिमला शहर में बिजली आपूर्ति भी ठप है। सोलन में कई वर्ष बाद बर्फबारी हुई है। प्रदेश में बर्फबारी से 350 बस रूट बंद हैं। कुल्लू जिला में पचास रूट ठप हैं। जिला कुल्लू व लाहुल-स्पीति घाटी के संवेदनशील इलाकों में कभी भी हिमखंड गिर सकते हैं। प्रशासन ने दोनों जिलों में अलर्ट जारी कर रखा है।
वहीं, बागवानों व किसानों के लिए बारिश व बर्फबारी काफी फायदेमंद साबित होगी। बर्फबारी को सेब के साथ पलम, नाशपाती के लिए वरदान माना जा रहा है।गेहूं सहित अन्य फसलों की पैदावार के लिए बारिश काफी उपयोगी साबित होगी।
बारिश-बर्फबारी के फायदे
भारी बर्फबारी से चिलिंग आवर्स पूरे होंगे व सेब की बेहतर पैदावार होगी।
गेहूं सहित अन्य फसलों के लिए बारिश उपयोगी।
गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत नहीं रहेगी। पेयजल स्रोत रिचार्ज होंगे।
बर्फबारी से पर्यटन कारोबार चमकेगा।
बारिश-बर्फबारी से नुकसान
बर्फबारी से सैकड़ों सड़कें बंद हो गई हैं।
खंभे गिरने से कई गांवों में बिजली गुल हो गई है।
पानी की पाइपें जाम होने से आपूर्ति ठप है।
भारी बर्फबारी के कारण ऊंचाई वाले क्षेत्र में हिमखंड गिरने की आशंका बढ़ गई है।
भारी बारिश से भूस्खलन होने से कई भवनों को भी खतरा पैदा हो गया है।