हिमाचल में बर्फबारी से सौ रूटों पर वाहनों के पहिये जाम, 300 से अधिक वाहन फंसे
हिमाचल में बर्फबारी की वजह से सौ से अधिक यातायात रूट बाधित हो गए हैं, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
शिमला, जेएनएन। प्रदेश में शनिवार रात से शुरू हुई बर्फबारी ने एक बार फिर कंपकंपी बढ़ा दी है। राजधानी शिमला सहित ऊपरी क्षेत्रों में शनिवार रात जमकर हिमपात हुआ। इससे ऊपरी हिमाचल में 100 से अधिक यातायात रूट बाधित हो गए हैं। इनमें हिमाचल पथ परिवहन निगम सहित करीब 300 से अधिक निजी बसें और छोेटे वाहन फंसे हुए हैं। इन क्षेत्रों में आपात सेवाएं भी बाधित हो गई हैं, जिससे लोगों की परेशानियां और बढ़ गई हैं।
शिमला शहर में भी सीजन का दूसरा हिमपात हुआ। रविवार सुबह चारों ओर चांदी की सफेद चादर बिछी देखकर पर्यटक गदगद हो गए। वहीं जिले के नारकंडा, कुफरी और खड़ापत्थर में भारी हिमपात के चलते यातायात व्यवस्था पूरी तरह ठप रही। डोडराक्वार का संपर्क पूरी तहर से कट चुका है। रामपुर के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए बसों को वाया बसंतपुर भेजा गया। मशोबरा में भारी बर्फबारी होने के कारण जाम लगता रहा, जिससे बसें समय पर गंतव्य पर नहीं पहुंच पाई। कुल्लू के मनाली में भी शनिवार रात से बर्फबारी का सिलसिला शुरू हुआ, जो सुबह तक चलता रहा। यहां एक फुट तक बर्फबारी दर्ज की गई। भारी हिमपात से रोहतांग दर्रा बंद हो गया है। जिला मंडी के द्रंग क्षेत्र की चौहारघाटी व सराज क्षेत्र में भी बर्फबारी हुई। सराज में 160 ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं। मुख्यमंत्री जयराम के गांव तांदी में भी कुछ समय के लिए बिजली आपूर्ति बाधित रही। लाहुल स्पीति का संपर्क भी शेष दुनिया से कट चुका है। उधर, सलूणी उपमंडल, डलहौजी, जोत, खजियार, भटियात, भरमौर और चंबा में 28 सड़कें बंद पड़ी हुई हैं।
बर्फबारी से 331 करोड़ का नुकसान
प्रदेश में अभी तक बर्फबारी से करीब 331 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। इसमें सबसे अधिक नुकसान लोक निर्माण विभाग को 16 करोड़ रुपये का हुआ है। इसके अलावा बर्फबारी के कारण कई घर क्षतिग्रस्त हुए हैं।
जम गई तानु जुब्बड़ झील
भारी हिमपात से प्रदेश के तापमान में लगातार गिरावट जारी है। जिला शिमला की तानु जुब्बड़ झील जम गई है। लाहुल स्पीति में पानी की पाइपें जाम होने से पेयजल संकट गहरा गया है। मौसम विभाग की माने तो आने वाले दिनों में भी यह क्रम जारी रहेगा। सोमवार को मौसम साफ होगा, लेकिन मंगलवार से फिर पश्चिमी हवाएं सक्रिय होंगी। इससे फिर भारी बाशिर और बर्फबारी होने की संभावना है।
खराब मौसम में साफ दिखी विकास के दावों की तस्वीर
जिला कुल्लू के दुर्गम इलाकों के विकास के दावों की तस्वीर खराब मौसम साफ-साफ दिखने लगी है। सड़क सुविधा से वंचित जिला की तीर्थन घाटी की नोहांडा पंचायत का दर्द बर्फबारी ने सामने ला दिया। इस गांव की एक जच्चा व बच्चा को लोग कुर्सी पर अपने कंधों पर बिठाकर घर तक छोड़ने के लिए मजबूर हुए। चार किलोमीटर पैदल जोखिम भरा सफर उन्हें भारी बर्फबारी में तय करना पड़ा। मामला कुछ दिन पहले का है।दरअसल, नोहांडा पंचायत के नांही गांव की भगती देवी को कुल्लू के क्षेत्रीय अस्पताल में प्रसव के बाद छुट्टी दी गई और इसके बाद महिला और नवजात को कुल्लू से गुशैणी तक 108 एंबुलेंस में पहुंचाया गया। इस बीच बर्फबारी शुरू हो गई।
महिला के घर तक सड़क न होने पर भारी बर्फबारी में लोगों ने कुर्सी पर उसे व उसके बच्चे को बिठाकर करीब चार किलोमीटर उबड़-खाबड़ पगड़डियों पर पैदल चलकर घर तक पहुंचाया। जिला कुल्लू के बंजार विधानसभा क्षेत्र की शिल्ही, मशियार, नौहांडा, श्रीकोट, पनिहार, शांघड़, गाडापारली, देहुरीधार सहित कई पंचायतें के दारन, शूंगचा, घाट, लक्कचा, नाही, शालींगा, टलींगा, डींगचा और झानीयार सहित गांव आज भी सड़क सुविधा से वंचित हैं। यहां के ग्रामीण गोपाल मेहता, राज ठाकुर, मोहन ठाकुर, लोभू मेहता, यज्ञा चंद, दलीप सिंह, किशोरी लाल, मेहर चंद, तारा ठाकुर, कीरत सिंह, हुक्म राम, रमेश शालाठ, रोशन लाल कहते हैं कि सड़क के नाम पर उन्हें केवल आश्वासन ही मिले हैं। खराब मौसम मे किसी के बीमार होने पर दिक्कतें बढ़ जाती हैं।ग्रामीणों ने सरकार से गुहार लगाई है कि उनके गांवों को सड़क से जोड़ा जाना चाहिए।