Move to Jagran APP

बाजार में तिल धरने को नहीं बची जगह

दिवाली से पूर्व सोमवार को राजधानी में धनतेरस का पर्व मनाया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 07:44 PM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 07:44 PM (IST)
बाजार में तिल धरने को नहीं बची जगह
बाजार में तिल धरने को नहीं बची जगह

जागरण संवाददाता, शिमला : दिवाली से पूर्व सोमवार को राजधानी में धनतेरस का पर्व मनाया गया। इस दौरान लोगों ने खूब खरीदारी की। व्यापारियों ने भी ग्राहकों को लुभाने के लिए विशेष ऑफर दिए। महंगाई के बावजूद लोगों में खरीदारी का उत्साह कम नहीं हुआ। बाजारों में लोगों का मेला लगा हुआ था। धनतेरस पर बर्तनों और ज्वेलरी की खरीदारी शुभ मानी जाती है।

loksabha election banner

वहीं, मंदिरों में भी धनतेरस पर भीड़ रही। लोगों ने सुबह विशेष पूजा-अर्चना की और उसके बाद बाजार का रुख किया। इसके अलावा लोगों ने देवी महालक्ष्मी का पूजन किया। धनतेरस पर व्यापारियों ने खाते का पूजन किया और पुराने खाते को बंद कर नए खाते की शुरुआत की। धनवंतरी को देवताओं के वैद्य और चिकित्सा के देवता माना जाता है। इसलिए चिकित्सकों के लिए धनतेरस का दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है। चिकित्सकों ने भी धनतेरस के दिन वैद्यराज धनवंतरी का पूजन किया। धनतेरस और दिवाली के लिए राजधानी के बाजार दुल्हन की तरह सजे हैं। दुकानदारों ने लाइटों और फूल मालाओं से दुकानों को सजाया है। इसके अलावा ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए ऑफर भी प्रदान किए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.