सैनिटाइजर की कालाबाजारी के खिलाफ 86 जगह दबिश, सीएम हेल्पलाइन पर आ रही थी शिकायतें
सैनिटाइजर की कालाबाजारी काे रोकने के लिए शुक्रवार को स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन व खाद्य आपूर्ति विभाग ने 86 स्थानों पर दबिश दी और और रिकॉर्ड कब्जे में लिया।
शिमला, राज्य ब्यूरो। सैनिटाइजर की कालाबाजारी के मामले का पटाक्षेप करने के बाद स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन व खाद्य आपूर्ति विभाग हरकत में आ गया है। दोनों विभागों के निरीक्षकों ने शुक्रवार को प्रदेशभर में 86 स्थानों पर दबिश दी और और रिकॉर्ड कब्जे में लिया है। सैनिटाइजर के 31 सैंपल लिए गए हैं। यह सैंपल सैनिटाइजर बनाने वाली कंपनियों के साथ ही दुकानों से भी लिए गए हैं। इनमें नालागढ़ के बद्दी क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्र भी शामिल हैं।
दैनिक जागरण ने शुक्रवार के अंक में 25 रुपये में बनने वाले सैनिटाइजर को 150 से 200 रुपये में बेचे जाने के मामले को प्रमुखता से उठाया था। कोरोना वायरस से बचाव के लिए सैनिटाइजर से हाथ साफ करने की सलाह दी जा रही है। सैनिटाइजर की बढ़ती खपत को देखते हुए कंपनियों ने इनका उत्पादन एक दम से बढ़ा दिया है। इसके लिए न तो प्रशिक्षित स्टाफ को लगाया गया और न ही इसकी जांच हो रही थी।मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भी सैनिटाइजर के महंगे दामों पर मिलने की शिकायतें आ रही थी।
मास्क और सैनिटाइजर के लिए मुनाफा व भंडारण निर्धारित प्रदेश में मास्क और सैनिटाइजर के लिए थोक विक्रेताओं और रिटेलर का मुनाफा निर्धारित करने के साथ भंडारण की क्षमता निर्धारित कर दी है। थोक विक्रेता मास्क और सैनिटाइजर पर पांच फीसद का मुनाफा ले सकेंगे जबकि परचून यानी रेटेलर 10 फीसद का मुनाफा मास्क पर और सैनिटाइजर निर्धारित मूल्य से अधिक नहीं ले सकेंगे। थोक विक्रेताओं के लिए मास्क की भंडारण क्षमता एक हजार और सैनिटाइजर 10 हजार मिलीलीटर और रिटेलर 25 मास्क और सैनिटाइजर एक हजार मिलीलीटर ही रख सकेंगे।
सैनिटाइजर और मास्क की कालाबाजारी को लेकर 86 निरीक्षण किए गए हैं। पुलिस के साथ मिलकर जिला खाद्य एवं आपूर्ति निरीक्षकों द्वारा जांच की गई है। सैनिटाइजर के 31 सैंपल लिए गए हैं और जांच के लिए भेज दिया है। निरीक्षण का यह अभियान लगातार चलाया जाएगा। सैनिटाइजर की कीमत को लेकर भी तथ्यों को खंगाला जा रहा है।
-नरेश कुमार लट्ठ, निदेशक स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन।
ऊना में छह कंपनियों पर दबिश
सरकार के निर्देश पर हैंड सैनिटाइजर बना रही ऊना जिले की छह कंपनियों पर कार्रवाई हुई है। विभाग ने सैंपल भरे हैं। कंपनियों को सोमवार तक स्टाक का पूरा रिकॉर्ड लेकर औषध नियंत्रण प्राधिकरण के स्थानीय कार्यालय में पेश होने को कहा है। इसके अलावा जहां भी इनकी सप्लाई हुई है, इसका भी रिकॉर्ड मांगा है। कुछ रिकॉर्ड जब्त भी किया है। एसडीएम मुख्यालय डॉ. सुरेश जसवाल की अगुआई में खाद्य आपूर्ति विभाग की टीम ने कई जगह दबिश दी है। ड्रग इंस्पेक्टर विकास ठाकुर के मुताबिक भरे गए सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे और रिकॉर्ड के आधार पर जांच की जाएगी।
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