बागवानों की उम्मीदों पर ओले
प्रदेश में बीते रविवार को हुई ओलावृष्टि से सेब को भारी नुकसान पहुंचा है। बागावानी विभाग के अनुसान ओलीवृष्टि से 15
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश में रविवार को हुई ओलावृष्टि से सेब को भारी नुकसान पहुंचा है। बागवानी विभाग के अनुसार ओलीवृष्टि से 15898 मीट्रिक टन सेब की फसल बर्बाद हो गई है। इससे बागवानों को करीब 40 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यह आंकड़ा अभी तीन जिलों का है। विभाग के अनुसार नुकसान और बढ़ सकता है।
मौसम के बिगड़े मिजाज से ओलावृष्टि ने अपर शिमला के सेब बहुल इलाकों के बागवानों की सालभर की मेहनत पर पानी फेर दिया है। विभाग की रिपोर्ट के अनुसार ओलावृष्टि से शिमला के बागवानों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। शिमला में 15550 मीट्रिक टन सेब की फसल पर ओलों की मार पड़ी है। इससे 38.97 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है। इसके अलावा कुल्लू जिला के आनी में 300 मीट्रिक टन सेब और मंडी के करसोग में 48 मीट्रिक टन सेब की फसल बर्बाद हो गई है। आनी में बागावानों को 60 लाख और करसोग में नौ लाख रुपये का नुकसान आंका गया है। मौसम विभाग की बेरुखी इसी तरह बरकरार रही तो आने वाले दिन में नुकसान का आंकड़ा और अधिक बढ़ सकता है।
रविवार दोपहर बाद ठियोग के क्यार, कमाह, सांबर, कलाहर, धानो, मत्याना, नारकंडा, रामपुर के श्राई कोटी, कूहल, पटैना, देवठी, गौरा वैली के दारन, गौरा, मशनू, कोटी, जुब्बल के मढ़ोल, कोटखाई के महासू, रतनाड़ी, कलबोग, बखोल पंचायल के बखोल गांव, कदाई, बनोगड़ा, भोटी, चौपाल के सराहां, काकराधार सहित नेरवा तहसील की विभिन्न पंचायतों में ओलावृष्टि से सेब की फसल को भारी नुकसान हुआ है।
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ओलावृष्टि से शिमला, आनी और करसोग में सेब की फसल बर्बाद हुई है। रिपोर्ट के अनुसार यहां 40 करोड़ रुपये की सेब की फसल बर्बाद हो गई है। अभी यह आंकड़ा बढ़ सकता है।
-डॉ. एमएल धीमान, निदेशक बागावानी विभाग।