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आडू, प्लम व फूलगोभी की फसल ओलावृष्टि से तबाह

आडू प्लम और मटर उत्पादन में प्रदेश का अग्रणी जिला शिमला के कुछ क्षेत्र में शुक्रवार को भारी ओलावृष्टि के कारण नकदी फसलें तबाह हो गई। यूं तो पूरे जिला में शुक्रवार को तेज हवाओं बारिश व ओलावृष्टि हुई लेकिन शिमला के साथ लगते ग्रामीण क्षेत्र मशोबरा में दो दर्जन से अधिक गांव में ओलावृष्टि ने सारी फसलें तबाह कर दी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Mar 2019 05:20 PM (IST)Updated: Fri, 15 Mar 2019 05:20 PM (IST)
आडू, प्लम व फूलगोभी की 
फसल ओलावृष्टि से तबाह
आडू, प्लम व फूलगोभी की फसल ओलावृष्टि से तबाह

जागरण संवाददाता, शिमला : आडू प्लम और मटर उत्पादन में प्रदेश का अग्रणी जिला शिमला के कुछ क्षेत्र में शुक्रवार को भारी ओलावृष्टि के कारण नकदी फसलें तबाह हो गई। जिलाभर में यूं तो शुक्रवार को तेज हवा, बारिश व ओलावृष्टि हुई लेकिन शिमला के साथ लगते ग्रामीण क्षेत्र मशोबरा में दो दर्जन से अधिक गांव में ओलावृष्टि ने सारी फसलें तबाह कर दी।

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मशोबरा के किसान मदन, रणजीत, सत्या देवी, सरस्वती देवी, अनु, यशवंत, पदम सिंह, मोहन सिंह, देशू राम, धर्मदत्त, ओमप्रकाश व चैन सिंह ने बताया कि शुक्रवार दोपहर बाद हुई ओलावृष्टि से उनकी सारी फसलें बर्बाद हो गई हैं। ओलावृष्टि ने खेतों में तैयार टमाटर, गोभी, मटर, पलम व खुरमानी की फसलें तबाह कर दी। मशोबरा निवासी देवी सिंह ने बताया कि उन्होंने इससे पहले कभी भी इतनी ओलावृष्टि नहीं देखी एक घंटे तक ओलावृष्टि का क्रम जारी रहा है। तीन से चार इंच ओले गिरे हैं आडू, प्लम, खुमानी के पेड़ों से फूल पूरी तरह गिर गए हैं।

खेत हो गए खली

शिमला के साथ लगते गांव बिहार में भारी ओलावृष्टि के कारण फूलगोभी की फसल पूरी तरह प्रभावित हो गई है। अभी किसानों ने फूल गोभी की नर्सरी खेतों में रोपी ही थी कि ओलावृष्टि का कहर बरस पड़ा। इससे छोटे पौधे पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। नामोनिशान खेत में गोभी की फसल का नहीं बचा है। किसानों का हजारों रुपये का बीज और खाद बर्बाद हो चुका है।

सेब की फसल के लिए भी घातक है ओलावृष्टि

ओलावृष्टि सेब की फसल के लिए भी नुकसानदायक मानी जा रही है। अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक जिला के निचले क्षेत्रों में सेब के बागीचों में फ्लावरिग होनी है। ओलावृष्टि के कारण तापमान में गिरावट आ गई है, जिससे सेब के पौधों में पिक वर्डस विकसित नहीं हो पाएंगे और फ्लावरिग प्रभावित होगी। इसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ेगा।


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