रोगों के लिए तो रामबाण है अमरूद लेकिन क्या आप जानते हैं वास्तु से भी है इसका संबंध
ऐसे गुणकारी पौधे को हम अपने आंगन या घर के आसपास रोप कर पूरे परिवार की सेहत का ध्यान रख सकते हैं।
शिमला, जेएनएन। अमरूद सेहत के लिहाज से एक शानदार फल माना जाता है। अमरूद की तासीर ठंडी होती है। इसका सेवन करने से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है। आयुर्वेद में अमरूद और इसके बीजों के सेवन के कई लाभ गिनाए गए हैं। इसमें मौजूद विटामिन और खनिज शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचाने में मददगार होते हैं। ऐसे गुणकारी पौधे को हम अपने आंगन या घर के आसपास रोप कर पूरे परिवार की सेहत का ध्यान रख सकते हैं। आओ रोपें अच्छे पौधे सीरीज में आज अमरूद के बारे में दी जा रही है विशेष जानकारी।
वास्तु शास्त्र के हिसाब से सर्वश्रेष्ठ
भारतीय संस्कृति में वृक्षों का अपना महत्वपूर्ण स्थान रहा है। जिस भूमि पर अमरूद के वृक्ष बहुत हों वह भूमि वास्तुशास्त्र में बहुत श्रेष्ठ बताई गई है। जलवायु और मिट्टी उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में अमरूद सफलतापूर्वक उगाया जाता है, जो समुद्र तल से 1,500 मीटर
(4,900 फीट) ऊपर है। भारी मिट्टी से बहुत हल्की रेतीले मिट्टी तक, विभिन्न प्रकार की मिट्टी पर अमरूद की खेती की जाती है। नदी-घाटी में बहुत अच्छी गुणवत्ता वाले अमरूद पैदा होते हैं।
वृक्षों की किस्में
’ लखनऊ 49: इसे सरदार भी कहा जाता है। इसके फल आकार में बड़े होते हैं। इसके फले बहुत स्वादिष्ट होते हैं। फल का उपरी हिस्सा हल्का पीला और गूदा सफेद होता है।
’ इलाहाबाद सफेदा: इसके फल आकार में बड़े और गोल होते हैं। फल का ऊपरी हिस्सा पीले-सफेद रंग का होता है। गूदा सफेद होता है और बीज बहुत कड़े होते हैं।
’ चिट्टीदार: यह किस्म उत्तर प्रदेश में ज्यादा पाई जाती है। इसका फल कुछ-कुछ इलाहाबाद सफेदा की तरह दिखता है। स्वाद में यह बहुत मीठा होता है और इसके बीज बहुत मुलायम होते हैं। फल की त्वचा में छोटे-छोटे लाल बिंदु होते हैं।
’ हरिजा: यह किस्म बिहार में अधिक लोकप्रिय है। इसका फल आकार में गोल होता है। इसका आकार मध्यम होता है। हरे-पीले रंग में होता है और स्वादिष्ट होता है।
वैज्ञानिक नाम सीडियम गुआजावा
विटामिन बी1, बी2, बी3, बी5, बी6, बी 9 के साथ विटामिन सी, विटामिन के की मौजूदगी है।
मिनरल (मिली ग्राम)
18 कैल्शियम
0.26 आयरन
22 मैग्नीशियम
417 पोटैशियम
2 सोडियम
40 फॉस्फोरस
0.23 जिंक
बड़ा गुणकारी और स्वास्थ्यवर्धक
’ पके अमरूद की बजाय कच्चे अमरूद में विटामिन सी अधिक होता है। भोजन से पहले इसके नियमित सेवन से कब्ज की बीमारी नहीं होती।
’ अमरूद सीरम कोलेस्ट्राल घटाकर उच्च रक्तचाप से बचाव करता है।
’ यदि इसके बीज को खूब चबा-चबा कर खाया जाए तो शरीर में लौह तत्व की पूर्ति होती है। रोग प्रतिरोधक होने के साथ शरीर से कई अशुद्धियों को दूर रखता है। इसके पत्तों को चबाने से दांतों के कीड़े और दांत संबंधित रोग दूर हो जाते हैं।