मेगा प्रोजेक्ट तैयार, बढ़ेगा भू-जल स्तर
------------------- रमेश सिंगटा, शिमला गर्मी की आहट से पहले ही सूखे की चिंता सरकार के माथे
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रमेश सिंगटा, शिमला
गर्मी की आहट से पहले ही सूखे की चिंता सरकार के माथे पर दिखना शुरू हो गई हैं। यही वजह है कि अब जल संरक्षण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शुमार हो गया है। खासकर भू-जल स्तर में सुधार लाने के लिए सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग ने मेगा प्रोजेक्ट तैयार किया है। सूत्रों के अनुसार इस प्रोजेक्ट के तहत 4750 करोड़ का बड़ा प्रस्ताव मंजूरी के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय को भेजा गया है। अब गेंद केंद्र के पाले में है कि वित्त पोषण के लिए इसे किस एजेंसी के पास भेजा जाए।
भू-जल स्तर में सुधार के लिए प्रोजेक्ट के खाके के अनुसार खड्डों, नालों में चेक डैम बनाए जाएंगे। अभी तक यह कार्य ग्रामीण विकास विभाग की ओर से वाटरशेड योजनाओं के तहत होता था। इसके अलावा मनरेगा में भी जल सरंक्षण के लिए प्रावधान है, लेकिन सिंचाई विभाग के पास इसके लिए कोई बजट नहीं होता था। सत्ता में आते ही जयराम सरकार ने इस सिलसिले में काफी कसरत की, सूखे पर कई विभाग के अधिकारियों की बैठक की। कई बैठकों के बाद भू-जल स्तर में आई गिरावट में सुधार लाने के लिए प्रोजेक्ट तैयार करने पर चर्चा की गई।
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डेढ़ लाख हेक्टेयर में होगा कार्य
भू-जल स्तर को रिचार्ज करने के लिए खड्डों, नालों के पानी को बांधा जाएगा। इस पानी का बाकायदा उपचार भी किया जाएगा। इसे पीने और सिंचाई के लिए उपयोग में लाया जाएगा। करीब डेढ़ लाख हेक्टेयर भूमि पर चेकडैम बनेंगे।
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सूख रहे हैं स्रोत
बारिश न होने से पेयजल, सिंचाई योजनाओं के स्रोत सूख रहे हैं। सैकड़ों ऐसी योजनाएं हैं, जहां गर्मी आने से पूर्व ही संकट पैदा हो गया है। जहां लोगों को कम पानी मुहैया हो रहा है, वहां के लिए विभाग ने अलग से योजना बनाई है।
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3200 करोड़ की है अलग योजना
जिन बस्तियों में पेयजल की उपलब्धता तीसरे या पांचवें दिन में हो रही है, उनके लिए अलग से योजना चलेगी। इसे ब्रिक्स बैंक वित्त पोषण करेगा। इसके तहत पहले चरण में 680 करोड़ की वित्तीय मदद के लिए औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। यह पैसा देने में ब्रिक्स सहमत हो गया है। ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन और साउथ अफ्रीका (ब्रिक्स) ने अपना अलग बैंक बनाया है। यह ढांचागत सुविधाओं के लिए फंडिंग देता है।
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प्रदेश सरकार के निर्देश पर भू-जल स्तर में सुधार के लिए नया प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। फिलहाल से केंद्रीय वित्त मंत्रालय के पास भेजा गया है। ऐसा प्रोजेक्ट पहली बार तैयार किया है। मंजूरी मिली तो प्रदेश भर के नालों, खड्डों पर चेकडैम बन सकेंगे।
-अनिल कुमार बाहड़ी, ईएनसी, आइपीएच।