अडानी के 280 करोड़ वापस नहीं देगी सरकार
परिवहन मंत्री जीएस बाली ने बैठक में अडानी की पुरजोर वकालत की और पैसा वापस लौटाने का रास्ता निकालने का दबाव बनाया।
शिमला, राज्य ब्यूरो। प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक बुधवार को नाटकीय अंदाज में दो बार हुई। इसमें अडानी के 280 करोड़ रुपये वापस देने के मामले पर सहमति नहीं बन पाई। अब सरकार ब्रेकल कंपनी में निवेश करने वाली अडानी कंपनी को उसका पैसा वापस नहीं करेगी। वहीं, सरकार ने हाई प्रोफाइल नेता के रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए चाय के बागान बेचने का रास्ता निकाल दिया। चाय के बागान बेचने पर लगी पाबंदी हटा दी है।
सरकार ने चाय के दो बागान बेचने को मंजूरी प्रदान की। परिवहन मंत्री जीएस बाली ने बैठक में अडानी की पुरजोर वकालत की और पैसा वापस लौटाने का रास्ता निकालने का दबाव बनाया। प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक बुधवार दोपहर दो बजे शुरू हुई। बैठक के प्रस्तावित एजेंडा में चाय के बागान बेचने व जलविद्युत
क्षेत्र में निवेश करने वाली कंपनियों की ओर से सरकार को दिए गए करीब 500 करोड़ रुपये के अपफ्रंट प्रीमियम का मुद्दा सिरे नहीं चढ़ सका। सभी मंत्री अभी मंत्रिमंडल की बैठक खत्म होने के बाद सीढिय़ां चढ़कर दफ्तरों में नहीं पहुंचे थे कि तुरंत बुला लिए गए।
परिवहन मंत्री जीएस बाली ने अडानी को निवेश किया गया पैसा वापस करने का तर्क दिया और कहा कि इसके लिए रास्ता निकाला जाना चाहिए लेकिन मंत्रियों ने इस मुद्दे पर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। पहले मुख्य एजेंडा में शामिल इस प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया था। एसीएस (ऊर्जा) ने पक्ष रखा था कि ऐसा करना संभव नहीं होगा। सरकार ने छह परियोजनाओं में निवेश करने वाली कंपनियों को अपफ्रंट प्रीमियम वापस देने से जुड़ा प्रस्ताव वापस ले लिया। परिवहन मंत्री जीएस बाली एचआरटीसी पेंशनरों के लिए सरकार से पैसा जारी करने का प्रस्ताव लाए, जिसे वापस ले लिया गया।
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