आयुर्वेद घोटाले की होगी विजिलेंस जांच
आयुर्वेद घाटाले की अब सरकार विजिलेंस जांच करवाएगी। इस संबंध में जल्द ही आदेश जारी करेगी। इनमें अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) आयुर्वेद भी जांच के दायरे में आएंगे। सरकार ने आयुर्वेद विभाग के वरिष्ठ सहायक राजेश कुमार कौशल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को लिखे पत्र का कड़ा संज्ञान लिया है। स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि एसीएस की भूमिका की भी जांच होगी। अगर वह दोषी पाए गए तो सरकार कड़ी कारवाई करेगी। उन्होंने कहा कि घोटाले में संलिप्त पाए जाने वाले घोटालेबाजों को सरकार कतई नहीं बख्शेगी। चाहे कोई किसी भी अहम ओहदे पर क्यों न बैठा हो। हालांकि एसीएस ने आयुर्वेद विभाग के निदेशक से जवाब तलबी की थी। इसमें कहा गया कि उन्होंने अभी तक राजेश को चार्जशीट क्यों नहीं किया है?
राज्य ब्यूरो, शिमला : आयुर्वेद घोटाले की सरकार अब विजिलेंस जांच करवाएगी। इस संबंध में आदेश जल्द जारी किए जाएंगे। इनमें अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) आयुर्वेद भी जांच के दायरे में आएंगे। सरकार ने आयुर्वेद विभाग के वरिष्ठ सहायक राजेश कुमार कौशल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को लिखे पत्र का कड़ा संज्ञान लिया है। स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने इसकी पुष्टि की है।
उन्होंने कहा कि एसीएस की भूमिका की भी जांच होगी। अगर वह दोषी पाए गए तो सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। घोटाले में संलिप्त पाए जाने वाले लोगों को सरकार नहीं बख्शेगी चाहे कोई किसी भी अहम ओहदे पर क्यों न बैठा हो। हालांकि एसीएस ने आयुर्वेद विभाग के निदेशक से जवाबतलब किया था। इसमें कहा गया कि उन्होंने अभी तक राजेश को चार्जशीट क्यों नहीं किया है? इस कर्मचारी ने पत्र के जरिये दो आला आइएएस अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए थे।
सरकार ने इससे पहले आयुर्वेद घोटाले में विभाग के पूर्व निदेशक संजीव भटनागर को चार्जशीट किया था। दैनिक जागरण ने आयुर्वेद विभाग में घोटाला उजागर किया था। इसके बाद सरकार ने तकनीकी कमेटी को निलंबित कर दिया था। इस कमेटी में डॉ. तेजस्वी विजय आजाद, डॉ. केडी शर्मा व डॉ. शैली बंसल शामिल हैं। सरकार ने संजीव भटनागर को आयुर्वेद विभाग से तुरंत हटाया था। इससे पूर्व जैम पोर्टल संचालित करने वाले वरिष्ठ सहायक राजेश कुमार कौशल को एक दिन के लिए निलंबित किया गया था। क्या है मामला
इस वर्ष के शुरू में आयुर्वेद विभाग में 11 चिकित्सा उपकरणों की खरीद हुई थी। यह खरीद लोकसभा चुनाव के दौरान हुई थी। उस समय 2.25 करोड़ रुपये का हेड बदल कर चिकित्सा उपकरण खरीदने के लिए इस्तेमाल किया गया। हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम का रेट कांट्रेक्ट बनाया गया मगर चिकित्सा उपकरणों की खरीद जैम पोर्टल से की गई। दैनिक जागरण ने आयुर्वेद विभाग में व्याप्त गड़बड़झाले का मामला प्रमुखता से उठाया था। इस साल 23 जून से सिलसिलेवार समाचार प्रकाशित किए गए। इसके बाद सरकार ने हरकत में आते हुए एक के बाद एक कार्रवाई की थी।
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दो नौकरशाहों पर दर्ज हो एफआइआर : कर्मचारी महासंघ
-अहम गवाह को जान का खतरा : विनोद कुमार
राज्य ब्यूरो, शिमला : अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने आयुर्वेद घोटाले में दो बड़े नौकरशाहों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की मांग की है। संगठन इस मामले में गवाह के पक्ष में उतरा है। महासंघ के विनोद गुट के प्रदेशाध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा कि आयुर्वेद विभाग में हुए घोटाले के अहम गवाह को जान का खतरा बना हुआ है। उन्होंने इसे गंभीर मामला बताया।
उन्होंने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से मांग की है कि इस प्रकरण की जांच में छोटे कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए ताकि नौकरशाहों के कारनामों का खामियाजा उन्हें न भुगतना पड़े। यह वित्तीय अपराध से जुड़ा मामला है। उन्होने आरोप लगाया कि इस मामले में सरकार के दो बड़े नौकरशाहों की सीधी भूमिका है। उन्होंने कहा कि अब अपने बचाव में इस घोटाले के साक्ष्यों को कमजोर करने के लिए विभाग के अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों पर दबाव बनाकर उन्हें निशाना बनाया जा रहा है जिसे महासंघ बर्दाश्त नहीं करेगा। इस मामले में संलिप्त बड़े लोग पकड़ में आ सकें, इसके लिए गवाह के लिखित बयान में पर्याप्त साक्ष्य हैं।