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इंडियन टेक्नोमेक के जीएम टीएस बिस्वाल गिरफ्तार

सिरमौर जिला के पांवटा साहिब में इंडियन टेक्नोमेक कंपनी में हुए घोटाले के मामले में कंपनी के जीएम को गिरफ्तार कर लिया गया है।

By Edited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 06:59 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 08:03 AM (IST)
इंडियन टेक्नोमेक के जीएम टीएस बिस्वाल गिरफ्तार
इंडियन टेक्नोमेक के जीएम टीएस बिस्वाल गिरफ्तार

शिमला, राज्य ब्यूरो। सिरमौर जिला के पांवटा साहिब में इंडियन टेक्नोमेक कंपनी में हुए 6000 करोड़ रुपये के कर कर्ज घोटाले में सीआइडी ने कंपनी के जीएम (प्रोडक्शन) टीएस बिस्वाल को गिरफ्तार किया है। बिस्वाल को दिवाली से पूर्व गिरफ्तार किया गया है। वह अब न्यायिक हिरासत में हैं। सीआइडी द्वारा की गई पूछताछ में पता चला कि बिस्वाल को घोटाले की पूरी जानकारी थी।

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सीआइडी अब तक इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें कंपनी के निदेशक विनय कुमार शर्मा, प्रबंध निदेशक विवेक कुमार लाल, डीजीएम विवेक गुप्ता, आरके सैनी, हिमांशु गोयल व टीएस बिस्वाल शामिल हैं। आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारी सीआइडी के रडार पर हैं जिन्होंने प्रदेश उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिकाएं दायर की हैं जो विचाराधीन है। इस मामले में कुछ और गिरफ्तारियां जल्द हो सकती हैं। आरोप है कि कंपनी में फर्जी दस्तावेजों के जरिये कर्ज लिया जाता था। फैक्टरी में उत्पादन ज्यादा दिखाकर इसके लिए कच्चा माल कई राज्यों व विदेश से खरीदने की जानकारी दी जाती थी। कंपनी के कर्ताधर्ता हिमाचल सरकार को करों की अदायगी नहीं करते थे। कंपनी औद्योगिक पैकेज का लाभ उठाती थी लेकिन वैट व एंट्री टैक्स नहीं दिया जाता था।

आबकारी विभाग ने टैक्स देनदारी का आकलन किया तो यह करीब 600 करोड़ रुपये बनी। पेनल्टी समेत यह राशि 2100 करोड़ रुपये हो गई। इसके बाद 100 करोड़ की नई पेनल्टी लगी तो घोटाले की राशि बढ़ गई। आरोप है कि हिमाचल सरकार को 2200 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया है। इसके अलावा करीब 16 बैंकों के 1600 करोड़ रुपये हड़पने के साथ 2200 करोड़ रुपये ब्याज शामिल है। हिमाचल और अन्य राज्यों में स्थित इन बैंकों की शाखाओं से फर्जी दस्तावेजों से कर्ज लिए गए जिन्हें चुकता नहीं किया गया। प्रदेश सरकार ने कंपनी की संपत्ति पर राजस्व रिकॉर्ड में रेड एंट्री दर्ज की है। यह संपत्ति सरकार के नाम पर कर ली गई है। पावटा में कंपनी के नाम पर करीब 300 बीघा जमीन थी। कंपनी के कारखाने में हवाई जहाजों के कलपुर्जे तैयार होते थे।


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