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दो सप्ताह बाद होगा अस्थायी शिक्षकों के भविष्य का फैसला

हिमाचल प्रदेश के 12 हजार से अधिक अस्थायी शिक्षकों के भविष्य का फैसला अब दो सप्ताह बाद होगा। इनकी नियुक्ति से जुड़ी सिविल अपील चंद्रमोहन नेगी बनाम प्रदेश सरकार एवं अन्य पर वीरवार को सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें पीटीए शिक्षकों की ओर से वरिष्ठ वकील सी ए सुंदरम राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील परमजीत सिंह पटवालिया पेश हुए। कोर्ट ने पीटीए शिक्षकों की इंटरलोकेट्ररी एप्लीकेशन यानी आइए की अनुमति दे दी। अब इन शिक्षकों का पक्ष सुना जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 06:24 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 07:03 PM (IST)
दो सप्ताह बाद होगा अस्थायी शिक्षकों के भविष्य का फैसला
दो सप्ताह बाद होगा अस्थायी शिक्षकों के भविष्य का फैसला

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश के 12 हजार से अधिक अस्थायी शिक्षकों के भविष्य का फैसला दो सप्ताह बाद होगा। इनकी नियुक्ति से जुड़ी सिविल अपील चंद्रमोहन नेगी बनाम प्रदेश सरकार एवं अन्य पर वीरवार को सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई हुई। पीटीए शिक्षकों की ओर से वरिष्ठ वकील सी ए सुंदरम और राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील परमजीत सिंह पटवालिया पेश हुए।

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कोर्ट ने पीटीए शिक्षकों की इंटरलोकेट्ररी एप्लीकेशन (आइए) की अनुमति दे दी। अब इन शिक्षकों का पक्ष सुना जाएगा। पीटीए के अलावा पैरा अध्यापक, प्राथमिक सहायक अध्यापक (पैट) व ग्रामीण विद्या उपासकों की नियुक्ति को भी चुनौती दी गई है। इनके नियमितीकरण पर रोक लगी है। अब कोर्ट में लगातार सुनवाई होगी। इससे शिक्षकों को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। पीटीए शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष हरीश ठाकुर व उपाध्यक्ष अमित मुखिया ने बताया कि इंटरलोकेट्ररी एप्लीकेशन के कारण वे भी पार्टी बन सकेंगे। नहीं हो पा रहे नियमित

करीब सात हजार पीटीए शिक्षक 13-14 वर्षो से सेवाएं दे रहे हैं। 5500 शिक्षकों को अनुबंध पर आए काफी अरसा हो गया है। लेफ्टआउट पीटीए को भी बेशक आर्थिक लाभ इनके बराबर मिल रहे हैं लेकिन वे नियमित नहीं हो सके हैं। इनका तबादला भी नहीं हो पाया है। ज्यादातर पैरा अध्यापक नियमित हो चुके थे। इसके बाद कोर्ट से अगली प्रक्रिया पर रोक लग गई। इस कारण सौ पैरा शिक्षक भी लटके हुए हैं। पैट की भी कहानी पीटीए की तरह हैं। ग्रामीण विद्या उपासक नियमित हो गए पर नियुक्ति चैलेंज हो गई थी। हाईकोर्ट में जीता है केस

पीटीए शिक्षक हाईकोर्ट में केस जीत चुके हैं। तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। बाद में सुप्रीमकोर्ट से इनके नियमितीकरण पर रोक लग गई थी। अब अस्थायी शिक्षकों को उम्मीद है कि फैसला जल्द आ जाएगा। राज्य सरकार इन शिक्षकों के पक्ष में खड़ी है। प्रदेश भाजपा सरकार ने पीटीए व पैट के वेतन में भी बढ़ोतरी की थी।


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