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दस लाख ऋण देने के नाम पर ठगे 44 हजार

पुलिस प्रशासन ने साइबर और ऑनलाइन ठगी को रोकने के लिए चलाया है। पुलिस के सोशल मीडिया और अन्य माध्यम से चलाये जा रहे अभियान के बावजूद आये दिन लोग शातिरों के चंगुल में फंस कर लुट रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Jul 2019 06:41 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jul 2019 06:41 PM (IST)
दस लाख ऋण देने के नाम पर ठगे 44 हजार
दस लाख ऋण देने के नाम पर ठगे 44 हजार

क्षितिज सूद, नेरवा

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नेरवा में एक व्यक्ति से दस लाख ऋण लेने के नाम पर 44 हजार रुपये की ठगी का मामला सामने आया है।

शिल्ला निवासी विनोद ने बताया कि उसे ग्लोबल 55 फाइनांस कंपनी के नाम से एक फोन आया। उसे कहा गया कि आपको बहुत कम औपचारिकताओं व न्यूनतम ब्याज पर ऋण के लिए चुना गया है। विनोद फोनकर्ता के झांसे में आ गया व कहा कि उसे दस लाख रुपये का लोन लेना है। फोन करने वाले ने उससे दस्तावेज के रूप में बैंक पासबुक, आधार कार्ड, पैन कार्ड की फोटोस्टेट कॉपी के अलावा दो पासपोर्ट साइज फोटो मागी। दस्तवेज वाट्सएप करने के दो दिन बाद विनोद को अप्रूवल लेटर मिला व कहा गया कि 3450 रुपये लोन की प्रोसेसिग फीस जमा करवानी होगी। विनोद ने 3450 रुपये जमा करवाने के बाद 15 हजार रुपये की जीएसटी के रूप में मांग की। उक्त रकम जमा करवाने के बाद पीड़ित को एक एग्रीमेंट फार्म भेजा गया व कहा गया कि एग्रीमेंट की फीस 34 हजार पांच सौ रुपये है, जोकि आधी कंपनी जमा करवाएगी व आधी ग्राहक को जमा करवानी होती है। इसके बाद विनोद ने 17250 रुपये जमा करवा दिए। इसके बाद उससे कोर्ट की लेट फीस के नाम पर आठ हजार रुपये और मांगे गए। विनोद ने यह रकम भी शातिरों के खाते में जमा करवा दी। इसके बाद जब कोई भी जवाब नहीं आया तो उसका माथा ठनका व उसने रकम वापस करने के लिए फोन किया तो जवाब दिया गया कि रकम वापस करने के लिए एक एनओसी बनाई जाएगी। इसकी फीस दस हजार रुपये जमा करवानी पड़ेगी। इस पर विनोद को ठगी का एहसास हुआ।


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