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हिमाचल में सक्रिय हैं आठ राज्यों के जालसाज

हिमाचल में देश के आठ राज्यों के साइबर ठग सक्रिय हैं, ये लोग अन्य राज्यों से इंटरनेट कॉल के जरिये हिमाचलियों को ठगी का शिकार बना रहे हैं।

By Edited By: Published: Fri, 12 Oct 2018 08:10 PM (IST)Updated: Sat, 13 Oct 2018 08:07 AM (IST)
हिमाचल में सक्रिय हैं आठ राज्यों के जालसाज
हिमाचल में सक्रिय हैं आठ राज्यों के जालसाज

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश में देश के आठ राज्यों के साइबर ठग सक्रिय हैं। इनमें उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड व दिल्ली के ठग शामिल हैं। इनके अलावा अंडमान निकोबार के जालसाज भी प्रदेश में ठगी कर रहे हैं। ये लोग अन्य राज्यों से इंटरनेट कॉल के जरिये हिमाचलियों को ठगी का शिकार बना रहे हैं।

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स्टेट सीआइडी के साइबर सेल ने गहन छानबीन के बाद इस साल 245 संदिग्ध फोन कॉल ट्रेस की हैं। इस संबंध में एडीजीपी (सीआइडी) अशोक तिवारी ने इन राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को पत्र लिखे हैं। इनमें ठगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने को कहा गया है। उन्होंने मोबाइल फोन सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों के नोडल अधिकारियों को भी पत्र लिखे हैं। उन्हें भी सिम कार्ड की जांच पड़ताल करने के निर्देश दिए गए हैं। इस साल साइबर सेल को करीब 600 शिकायतें आई हैं। इनमें से कई शिकायतों को जिलों की पुलिस को रेफर किया गया है। कई शिकायतों में साइबर थाने में कानूनी कार्रवाई की गई है।

सेल ने अन्य राज्यों से आए मोबाइल फोन के नंबरों की सूची तैयार की है। इनमें मोबाइल फोन कंपनियों का भी सहयोग लिया गया है। ऐसे करते हैं ठगी साइबर क्राइम करने वाले लोगों को इंटरनेट कॉल के जाली मोबाइल फोन नंबर का इस्तेमाल करते हैं। इसे तकनीकी भाषा में वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल सर्विसेज कहा जाता है। ऐसी कॉल जालसाजों द्वारा बैंक अधिकारी या कर्मचारी बनकर की जाती है। इसमें लोगों से उनके बैंक खातों, डेबिट कार्ड व क्रेडिट कार्ड की डिटेल प्राप्त की जा रही है।

लोग इनकी इस कॉल से गुमराह होकर बैंक खाता डिटेल व ओटीपी नंबर शेयर कर देते हैं। इससे जालसाज उनकी बैंकों में जमा पूंजी ठगने में कामयाब हो जाते हैं। जालसाजों द्वारा अपनाई जा रही इस तरकीब को 'विशिंग' या 'फिशिंग' कहा जाता है। इस प्रक्रिया से प्राप्त हुई कॉल को ट्रेस करना जाच एजेंसी को बेहद चुनौती भरा कार्य है। इंटरनेट कॉल के माध्यम से जो नंबर मोबाइल फोन की स्क्रीन पर दिखता है, वह किसी भी देश का हो सकता है। यह नंबर आमतौर पर जाली होता है। न आएं झांसे में साइबर सेल के डीएसपी नरवीर राठौर ने लोगों से आह्वान किया कि वे संदिग्ध फोन कॉल या ई-मेल द्वारा मागी बैंक खाते की जानकारी न दें। वे किसी के झांसे में न आएं। ठगी का एहसास होने पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन शिमला के टेलीफोन नंबर 0177-2620331, 2621331 पर संपर्क करें।


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