क्लर्क भर्ती परीक्षा में हुई थी सामूहिक नकल!
जागरण विशेष -स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक मामले की प्रारंभिक जांच में खुलासा -एक ही पंक्ति के सभी अभ्यर्थियों के पास होने पर गहराया शक -परीक्षा केंद्रों में बैंक कर्मचारियों की भी लगी थी ड्यूटी -----------------
रमेश सिंगटा, शिमला
राज्य सहकारी बैंक में क्लर्को की भर्ती मामले में बरती कथित अनियमितताओं से बैंक की साख सवालों के घेरे में आ गई है। भर्ती के दौरान कई परीक्षा केंद्रों में एक ही पंक्ति के सभी अभ्यर्थी पास हो गए हैं, सिरमौर में ऐसे केंद्रों की तादाद करीब छह बताई गई। इससे सामूहिक नकल की संभावना को बल मिल रहा है। मामले की जांच कर रही विजिलेंस ने इस बिंदु को भी जांच में शामिल किया है।
यह परीक्षा हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला के माध्यम से ली गई थी। कई केंद्रों में बैंक कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगाई गई थी। अब जल्द ही इन कर्मचारियों से भी पूछताछ होगी। इनसे कड़े सवाल पूछे जाएंगे। परीक्षा से जुड़े शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों, कर्मचारियों को भी पूछताछ में शामिल किया जाएगा। इससे कई नए खुलासे हो सकते हैं।
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किसके रिश्तेदार थे ये
कई केंद्रों में एक ही पंक्ति में दस-दस अभ्यर्थी पास हुए। ये किसके रिश्तेदार थे? इसका भी पता करवाया जा रहा है। ये न केवल परीक्षा में पास हुए, अंतिम चयन भी हो गया। क्लर्क भी बन गए हैं।
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चतुर्थ श्रेणी की भर्ती पर भी सवाल बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष के घर पर कार्यरत सफाई कर्मी भी मेरिट में आ गई। यह कैसे मेरिट पर आई, इस पर भी जांच एजेंसी को शक है। कहीं प्रदेश के अन्य केंद्रों में भी नकल तो नहीं करवाई गई, इस बात का गहनता से पता लगाया जाएगा।
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किन्नौर में हुई गैर हिमाचलियों की भर्ती किन्नौर और शिमला जिले के दुर्गम क्षेत्रों में भर्ती में अन्य राज्य के युवक भर्ती हुए। इससे हिमाचल के हितों की अनदेखी हुई। ये कैसे भर्ती हुए, इस बारे में भी विजिलेंस पूछताछ करेगी। सहकारी बैंक को शेड्यूल बैंक का दर्जा प्राप्त है। यही दर्जा कामकाज के लिए भी मिला है। नियमों के अनुसार यह सीधे आरबीआइ के अधीन होना चाहिए। इसमें न तो रजिस्ट्रार कॉपरेटिव सोसायटी न ही सरकार का दखल होना चाहिए। सरकार के हस्तक्षेप के चलते इसमें भर्ती नियम भी राज्य के ही लागू होने चाहिए।
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विजिलेंस ने बैंक से लिया रिकॉर्ड
विजिलेंस ने सहकारी बैंक में क्लर्को के 300 से अधिक पदों की भर्ती को लेकर स्थापना शाखा से रिकॉर्ड कब्जे में लिया है। शिमला के रिज स्थित बैंक में विजिलेंस की टीम आई थी। विजिलेंस सूत्रों के अनुसार कब्जे में लिए गए रिकॉर्ड की छंटनी की जा रही है।
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सरकार में बैठे लोगों को कुछ भी पता नहीं है। पहले रिकॉर्ड खुद तो चेक करते। हमने कोई गुनाह नहीं किया है। भर्ती में पूरी पारदर्शिता बरती गई है। कोई नकल, धांधलियां नहीं हुई हैं। विजिलेंस जांच करवाने का कोई फर्क नहीं पड़ता। हमने बैंक को ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
-हर्ष महाजन, राज्य सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष