सीएम जी, कंप्यूटर सेंटर संचालक कर रहे धोखाधड़ी
हिमाचल में कौशल विकास योजना में निजी कंप्यूटर सेंटर संचालकों का गोरखधंधा चल रहा है। कौशल विकास के तहत आने वाली राशि को डकारा जा रहा है।
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल में कौशल विकास योजना में निजी कंप्यूटर सेंटर संचालक धोखाधड़ी कर रहे हैं। कोर्स करने वाले युवा व कंप्यूटर सेंटर के संचालक कौशल विकास के तहत मिलने वाली राशि आपस में आधी-आधी बांटकर बिना कोर्स किए प्रमाणपत्र ले रहे हैं। यह खुलासा सिरमौर के शिलाई निवासी लक्ष्मीकांत ने प्रदेश सरकार द्वारा शनिवार को जनमंच लांच करने के दौरान वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष किया।
राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ में केंद्र की मोदी सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री ने हिमाचल सरकार की तीन नई योजनाओं को शुरू किया। इनमें जनमंच के दौरान वीडियो कांफ्रेंस से अलग-अलग जिलों से लोगों ने अपनी समस्याएं बताई। लक्ष्मीकांत ने कहा कि कौशल प्रदान करने की अपेक्षा इस योजना में लाखों का गोलमाल हो रहा है। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में निरीक्षण कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया।
खुले में गंदगी बहाने वालों को कैसे मिले होटल चलाने की अनुमति
डलहौजी निवासी अशोक ने बताया कि वहां पर होटल संचालकों ने खुले में सीवरेज व रसोई का पानी छोड़ा है। खुले में सीवरेज की गंदगी बहाने वालों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने होटल चलाने की अनुमति कैसे दे दी? एसडीएम का अधिकारियों पर नहीं नियंत्रण कुल्लू निवासी ब्रोनिया शर्मा ने मुख्यमंत्री को बताया कि वहां के एसडीएम का राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों पर कोई नियंत्रण नहीं है। बहुत ऊंची खोदाई कर सात महीने से उन्हें बेघर कर दिया गया और एसडीएम से कई बार मिलने के बाद भी कोई हल नहीं निकला। ब्रोनिया उन्हें आवास उपलब्ध करवाने की मांग कर रही थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क तो बनानी होगी। कुल्लू के उपायुक्त जनमंच में बैठे हैं जिनसे मिलें, समस्या हल कर दी जाएगी।
15 मिनट से अधिक नहीं होगा भाषण प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में हर महीने होने वाले जनमंच में नेताओं व अधिकारियों का फूलमालाएं, शाल या टोपी पहनाकर सम्मान नहीं होगा। सरकार द्वारा जारी निर्देशों के तहत जनमंच में मंत्री, नेता व अधिकारी 15 मिनट से अधिक भाषण नहीं देंगे। जनमंच में सामुदायिक भोजन का खर्च सरकार वहन करेगी। जनमंच में सभी जिलास्तरीय अधिकारी मौजूद रहेंगे। एनआइसी ने जनमंच का अलग सॉफ्टवेयर तैयार किया है। इस सॉफ्टवेयर में जनमंच का सारा डाटा अपलोड होगा। ई-समाधान पर शिकायतें मंगवाई जाएंगी और जनमंच के दौरान निरीक्षण का प्रावधान होगा।