थाने के बगल में बुनकर के नाम पर फर्जीवाड़ा
बीसीएस महिला थाने से कुछ मीटर की दूरी पर पढ़े- लिखे बेरोजगारों ने बुनकर का प्रशिक्षण देने और नौकरी के नाम पर एक फर्म ने फर्जीवाड़े का खेल खेला गया। यहां दो कमरों में खुले संस्थान चलाने वाली कंपनी ज्वाइनिग देने के भी पैसे ऐंठती थी ठगी के शिकार भूपेंद्र चौहान और रंजना बंसल ने थाना न्यू शिमला में शिमला में शिकायत दर्ज करवाई है। इसके आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। जल्द ही आरोपितों की गिरफ्तार होगी। पुलिस सूत्रों के अनुसार जिन युवाओं के साथ ठगी हुई उनकी फेहरिस्त काफी लंबी है।
जागरण संवाददाता, शिमला : बीसीएस महिला थाने से कुछ मीटर की दूरी पर पढ़े-लिखे बेरोजगारों को बुनकर का प्रशिक्षण देने और नौकरी के नाम पर एक फर्म ने फर्जीवाड़े का खेल खेला। वहां दो कमरों में खुले संस्थान को चलाने वाली कंपनी ज्वाइनिग देने के भी पैसे ऐंठती थी। ठगी के शिकार भूपेंद्र चौहान और रंजना बंसल ने थाना न्यू शिमला में शिकायत दर्ज करवाई है। इसके आधार पर पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दावा है कि आरोपितों की गिरफ्तारी जल्द होगी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार जिन युवाओं के साथ ठगी हुई, उनकी फेहरिस्त काफी लंबी है। ये 83 के करीब हैं। इनमें से शिकायतकर्ता भूपेंद्र इवनिग कॉलेज में एम कॉम का छात्र है जबकि दूसरी युवती सांगटी में रहती है। संस्थान के संचालक ठियोग क्षेत्र के बताए जा रहे हैं। पुलिस ने दो संचालकों को थाने तलब किया है। राजधानी में बुनकर का काम सिखाने और नौकरी देने के बहाने पैसे ठगने का मामला सामने आया है। आरोप है कि हिमाचली बुनकर का काम देने के नाम पर एक संस्थान ने नियुक्ति देने के संबंध में करीब 83 लोगों से पैसे लिए। काम करने के बाद जब वेतन देने की बारी आई तो महिला निदेशक ने बहानेबाजी की। बेरोजगार युवाओं को उनसे लिए पैसे लौटाने से भी इंकार किया जा रहा है। पता चला है कि लड़के-लड़कियों के अलावा गृहणियों को भी चूना लगाया है। क्या कहा शिकायत में
फर्म में प्रबंधक के तौर पर नियुक्त किए गए भूपेंद्र चौहान समेत अन्य बेरोजगार युवाओं ने शुक्रवार को न्यू शिमला पुलिस थाने में शिकायत दी। शिकायत में कहा गया है कि फर्म ने बीसीएस में कार्यालय खोलकर मार्च के पहले सप्ताह में 17 युवाओं को नियुक्ति की। प्रत्येक बेरोजगार से नियुक्ति के नाम पर 2500 से 5500 रुपये वसूले गए। प्रत्येक को आगे और बेरोजगारों को जोड़ने का लक्ष्य दिया गया। फर्म से अब तक 66 युवाओं को जोड़ा गया। इन सभी से भारी भरकम राशि फर्म ने ली। युवाओं की मानें तो फर्म की निदेशक ने पंथाघाटी में फैक्ट्री खोलकर वहां काम देने की बात कही। लेकिन काम दिया नहीं। फर्म से जुड़े हर युवा को नियुक्ति पत्र दे दिए गए। इन्हें प्रतिमाह 10 से 25 हजार रुपये वेतन देने का झांसा दिया गया।