इक्डोल प्रॉस्पेक्ट्स बिक्री में 88 लाख का घोटाला!
इक्डोल प्रॉस्पेक्टस बिक्री में 88 लाख रुपये का घोटला हुआ है।
जागरण विशेष
-महालेखाकार कार्यालय शिमला कर रहा आडिट
-वर्ष 2002 से वित्तीय अनियमितता आई सामने
-लाखों रुपये विवि के खाते में नहीं करवाए जमा
-पूछताछ में कर्मचारी ने स्वीकार की गलती
अजय बन्याल, शिमला
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) शिमला में लाखों रुपये का घोटाला सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक महालेखाकार कार्यालय शिमला की टीम दो हफ्ते से विवि के अंतरराष्ट्रीय दूरवर्ती शिक्षा एवं मुक्त अध्ययन केंद्र (इक्डोल) में ऑडिट के लिए डेरा जमाए हुए है। इस टीम को इक्डोल में प्रॉस्पेक्ट्स बिक्री मामले में 88 लाख रुपये के हेरफेर के कई सुबूत मिले हैं।
टीम ने जब इक्डोल का रिकॉर्ड कब्जे में लिया तो हर साल प्रॉस्पेक्ट्स की बिक्री की आय विवि के खाते में कम जमा की गई मिली। असल में प्रॉस्पेक्ट्स अधिक बिके हैं। वर्ष 2002 से इस तरह हेरफेर हो रहा था लेकिन किसी को भनक नहीं लगी। कई साल से एक कर्मचारी प्रॉस्पेक्ट्स विक्री करता था। इसी कर्मचारी के पास सारा रिकॉर्ड होता था। शैक्षणिक सत्र 2013-14 से लेकर 2017-18 तक हेरफेर कर लाखों रुपये विवि के खाते में जमा नहीं करवाए गए। जब ऑडिट टीम ने रिकॉर्ड कब्जे में लेना शुरू किया तो परत तर परत मामले की पोल खुलती रही। इस मामले में प्रॉस्पेक्ट्स की बिक्री करने वाले कर्मचारी से पूछताछ की गई। कर्मचारी ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है। वहीं विवि प्रशासन इस मामले में ऑडिट रिपोर्ट आने का तर्क देकर पल्ला झाड़ रहा है। अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता पर संदेह
लाखों रुपये के हेरफेर को अंजाम देने के मामले में एक कर्मचारी की संलिप्तता की बात उचित साबित नहीं हो रही है। जिस कर्मचारी को हर दिन प्रॉस्पेक्ट्स विक्री का रिकॉर्ड दिया जाता था, वह भी सवालों के घेरे में है। आखिर रिकॉर्ड को मैच किए बिना आय को कैसे खाते में जमा करवाते चले गए, यह प्रश्न अहम है। इस मामले में अन्य कर्मियों की संलिप्तता पर भी संदेह है। 16 लाख करवाए है जमा
सूत्रों के मुताबिक इस मामले में जिस कर्मचारी की संलिप्तता पाई गई है, उसने विवि के खाते में 16 लाख रुपये जमा करवा दिए हैं। लेकिन यह बात ऑडिट टीम को विवि प्रशासन ने नहीं बताई है। ऐसे में अब कर्मचारी पुलिस में मामला दर्ज होने से बचता नजर आ रहा है। कर्मचारी के खिलाफ विभागीय जांच ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद शुरू होगी। इसके साथ ही उसे टर्मिनेट करने की तैयारी भी विवि में चल रही है। सवालों के घेरे में विवि की ऑडिट शाखा
हिमाचल प्रदेश विवि के भीतर स्थापित ऑडिट शाखा की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है। विवि में अपनी ऑडिट शाखा है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार का ऑडिट कर्मचारी भी विवि में बैठता है। दोनों ही बार ऑडिट में कभी यह गड़बड़झाला सामने नहीं आया। ऐसे में कर्मचारियों ने ऑडिट कैसे किया है, यह चर्चा का विषय बना हुआ है। ए ग्रेड विवि के भीतर हुए लाखों रुपये के घोटाले से इक्डोल फिर चर्चा में आ गया है।
उपलब्ध करवाया सारा रिकॉर्ड
अभी ऑडिट चल रहा है। अभी इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं कर सकता हूं। सारा रिकॉर्ड उपलब्ध करवा दिया गया है।
प्रो. कुलबंत पठानिया, निदेशक, इक्डोल