1.61 करोड़ के घपले में अब चिट्ठियों का खेल
आयुर्वेद विभाग में डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की खरीद में कार्मिक विभाग समूचा रिकॉर्ड खंगाल रहा है।
प्रकाश भारद्वाज, शिमला
आयुर्वेद विभाग में डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की खरीद में कार्मिक विभाग समूचा रिकॉर्ड खंगाल रहा है। लेकिन अभी तक जांच व्यक्ति विशेष पर तय नहीं हो पाई है। इस मामले में सचिवालय में चिट्ठियों का खेल चल रहा है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) आयुर्वेद की ओर से महकमे को पत्र भेजा जाता है कि सरकार मामले की निगरानी कर रही है। ऐसे में आयुर्वेदिक विभाग के लिए खरीदी मशीनरी की जानकारी एसीएस को होनी चाहिए। उसके एक दिन बाद पत्र मिलता है कि कार्मिक विभाग को सीधे हर प्रकार की जानकारी दे सकते हैं। चार दिन पहले कार्मिक विभाग ने आयुर्वेद विभाग को पत्र भेजकर हर खरीददारी संबंधी रिकॉर्ड भेजने को कहा।
गौर रहे कि आयुर्वेद विभाग में थर्मामीटर से लेकर दूसरे यंत्रों की खरीद में गड़बड़ी सामने आई थी। जांच रिपोर्ट मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव आयुर्वेद व आयुर्वेद निदेशक के सुपुर्द की जा चुकी है। आयुर्वेद विभाग ने एक दर्जन से अधिक मशीनों की खरीद की थी। जिन मशीनों के मूल्य बाजार में नाममात्र के थे, मगर महकमे ने चार गुणा अधिक मूल्य पर उनकी खरीद की। त्वरित कार्रवाई के तहत खरीद कमेटी के तीन सदस्यों डॉ. केडी शर्मा, तेजस्वी विजय आजाद व डॉ. शैली बंसल को निलंबित कर दिया गया था। इससे पहले जैम पोर्टल संचालित करने वाले वरिष्ठ सहायक राजेश कुमार कौशल को एक दिन के लिए निलंबित किया गया था। एसीएस ने पत्र भेजा
अतिरिक्त मुख्य सचिव आयुर्वेद की ओर से 19 जुलाई को आयुर्वेद विभाग को पत्र भेजा गया। इसमें कहा गया कि सरकारी स्तर पर सामने आए मामले की मॉनिटरिग हो रही है। इसलिए इससे जुड़ी समस्त जानकारी भेजी जाए। इससे पहले एसीएस के अवकाश पर होने पर अतिरिक्त कार्यभार संभाल रही प्रशासनिक सुधार सचिव पूर्णिमा चौहान की ओर से जांच रिपोर्ट कार्मिक विभाग को भेजी गई थी। इससे पहले 17 जुलाई को कार्मिक विभाग ने आयुर्वेद महकमे से संबंधित मामले का रिकॉर्ड देने को कहा है। यह पत्र आयुर्वेद के उपसचिव नवीन शर्मा की ओर से जारी किया गया। कार्मिक विभाग की ओर से पत्र विशेष सचिव कार्मिक अमरजीत सिंह ने जारी किया।