डंडों से कैसे वनों की रक्षा
संवाद सहयोगी, रामपुर बुशहर : फॉरेस्ट वेलफेयर एसोसिएशन इकाई की बैठक में वनरक्षकों को
संवाद सहयोगी, रामपुर बुशहर : फॉरेस्ट वेलफेयर एसोसिएशन इकाई की बैठक में वनरक्षकों को हथियार देने का मुद्दा जोर-शोर से उठाया गया। बिना हथियारों के डंडों के सहारे वन की रक्षा कैसे हो सकती है। रविवार को आयोजित एसोसिएशन की मासिक बैठक में कहा गया कि प्रदेश के वनों में तैनात वनरक्षकों को डंडे दिए हैं, ऐसे में वनों की सुरक्षा में लगे कर्मचारियों को भी हर समय खतरे के साये में सेवाएं देने को मजबूर होना पड़ रहा है।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश कुमार ने कहा कि इस समय सबसे बड़ी चिंता वनरक्षकों को सरकार द्वारा किसी प्रकार के हथियार नहीं देना है। ऐसे में वनरक्षकों को वनों की रक्षा के लिए डडे दिए जा रहे है, जिससे वनों की रक्षा करना संभव नहीं है, जबकि वन माफिया आधुनिक हथियारों के साथ लैस हो कर वनों में अवैध कटान करने पहुंचते है और वनरक्षकों को डडों के सहारे उनसे मुकाबला करना नामुमकिन है। आज स्थिति गंभीर है और राज्य में वन विभाग के कर्मचारियों की सुरक्षा खतरे में है। एसोसिएशन ने सरकार से वनरक्षकों को आधुनिक हथियार देने की मांग की है। बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने होशियार सिंह के दोषियों को शीघ्र पकड़ कर सजा देने की मांग की। इस मौके पर ललित भारती, ऊषा, विनोज कुमार, प्रताप सिंह, सुदर्शन, मुनी लाल, संदीप, सुभाष, नरेश, कपिल, मोनिका, लीला, बबिता, सपना, रविना आदि मौजूद रहीं।