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हिमाचल में तीन महीने में 641 जगह लगी आग, 400 फायर वॉचर तैनात

हिमाचल के जंगलों में इस साल आग के मामले बढ़ने लगे हैं। प्रदेश में तीन महीने में 641 स्थानों पर आग लगी है।

By Edited By: Published: Fri, 25 May 2018 11:15 PM (IST)Updated: Sat, 26 May 2018 11:44 AM (IST)
हिमाचल में तीन महीने में 641 जगह लगी आग, 400 फायर वॉचर तैनात
हिमाचल में तीन महीने में 641 जगह लगी आग, 400 फायर वॉचर तैनात

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल के जंगलों में आसमान से आफत बरस रही है। पहाड़ तपने और तापमान व वातावरण में नमी की कमी के कारण आग की घटनाएं बढ़ गई हैं। ज्यादातर आग बिलासपुर, धर्मशाला, मंडी व शिमला के जंगलों में लग रही है। रोजाना 100 से अधिक जगह जंगल जल रहे हैं। मार्च से अब तक प्रदेश में 641 जगह आग लग चुकी है। कई जगह जंगलों में अब तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका है। आग बुझाने के कार्य के लिए सरकार ने 400 फायर वॉचर तैनात किए हैं।

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वन मंत्री गोविंद ठाकुर के मुताबिक इस वर्ष वन विभाग ने मार्च में वन अग्नि को लेकर प्रदेशभर में जागरूकता अभियान चलाया था। इस कारण इस वर्ष लोगों से वनों की आग बुझाने जैसे कायरें में अधिक सहयोग मिल रहा है। अभियान के फलस्वरूप इस वर्ष लगभग साढ़े नौ हजार लोग भारतीय वन सर्वेक्षण संस्थान देहरादून की वेबसाइट से जुड़ चुके हैं। उन्हें उनके क्षेत्र में वनों में आग की सूचना मिल रही है। ऐहतियाती उपायों से इस वर्ष गत वर्षो की अपेक्षा आग की सूचना तुरंत संबंधित कर्मचारियों व स्थानीय लोगों को मिल रही है।

सूचना मिलने पर आग नियंत्रण दस्ता तुरंत घटनास्थल तक पहुंच रहा है। स्थानीय लोगों के सहयोग से वनों में आग को जल्द काबू किया जा रहा है। भारतीय वन सर्वेक्षण संस्थान वनों में आग से संबंधित पूर्व चेतावनिया भी दे रहा है। इस कारण कर्मचारियों को पहले ही तैनात किया जा रहा है। वन कर्मियों को सूचना के आदान-प्रदान के लिए अप्रैल से जून तक मोबाइल भत्ता भी मिलेगा।

प्री वार्निंग से मिला लाभ

फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के माध्यम से लागू किए गए प्री वार्निग सिस्टम से वन विभाग को फायदा हो रहा है। यह वार्निग पूरे सप्ताह के लिए लागू रहती है। इस सप्ताह के लिए पिछले शुक्रवार को वार्निग आई थी। इसके अनुसार प्रदेश में 19 रेंजों को आग के लिहाज से अत्यंत संवेदनशील बनाया गया था। इससे विभाग पूरी तरह अलर्ट रहता है।

वन्य प्राणियों को खतरा

आग की घटनाओं से वन्य प्राणियों को खतरा पैदा हो गया है। आग लगने से कई जानवरों की मौत हो जाती है और कइयों को दूसरी जगह शरण लेनी होती है। इससे इन वन्य प्राणियों पर शिकारियों की भी नजर लगी रहती है।


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