अब आंखों की स्कैनिंग के बाद डिपुओं में मिलेगा राशन
प्वांयट ऑफ सेल (पॉस) मशीन पर अब अंगूठा लगाने की जरूरत नहीं होगी।
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्वांयट ऑफ सेल (पॉस) मशीन पर अब अंगूठा लगाने की जरूरत नहीं होगी। आंखों की स्कैनिंग के जरिये डिपुओं में राशन मिलेगा। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किया है। राशन डिपो पर जाकर पहले आंखों की स्कैनिग होगी। इसके बाद ही राशनकार्ड धारक राशन लेकर घर जा सकेगा।
आंखों की स्कैनिग के बाद राशन मिलने की व्यवस्था शुरू होने के बाद डिपोधारकों पर कोई अनावश्यक दबाव नहीं डाल सकेगा। न ही डिपोधारक किसी का राशन किसी दूसरे को दे सकेंगे। शीघ्र ही प्रदेश सरकार डिपुओं में आवंटित होने वाले राशन की प्रकिया में बदलाव करने जा रही है। राशनकार्डो के डिजिटलाइजेशन को आधुनिक सुविधाओं के साथ शुरू करने के लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग इस नई तकनीक का प्रयोग करेगा।
कोरोना संकट के कारण सरकार ने पॉस मशीनों में अंगूठा लगाकर राशन देने की प्रक्रिया को बंद किया है। खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग अभी लोगों को राशनकार्ड स्कैन करके राशन दे रहा है। विभाग का मानना है कि इस प्रक्रिया से राशन में गड़बड़ी की आंशका रहती है। ऐसे में आंखों को स्कैन करके राशन देने से अंगूठा लगाने का झंझट खत्म हो जाएगा। इससे राशन देने में पारदर्शिता बनी रहेंगी। खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग मंत्री राजिंद्र गर्ग ने बताया कि आंखों को स्कैन करके राशन देने का प्रस्ताव है।
साढ़े 18 लाख राशनकार्ड उपभोक्ता
हिमाचल प्रदेश मे साढ़े 18 लाख राशनकार्ड उपभोक्ता हैं। सरकार की ओर से लोगों को आटा, चावल, तीन दालें, दो लीटर तेल, नमक और चीनी दी जा रही है। प्रदेश में आंखों को स्कैन करके राशन देने की व्यवस्था लागू करने के लिए अधिकारियों की बैठक हो चुकी है।