बिना नियम किस काम का अग्नि सुरक्षा अधिनियम
राज्य का अग्नि सुरक्षा अधिनियम वर्ष 1984 में बना था। इसमें वर्ष 2004 में संशोधन किया गया।
शिमला, रविंद्र शर्मा। हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक व शहरी क्षेत्रों में स्थापित व्यावसायिक, शिक्षण व अन्य हजारों संस्थानों में अग्निकांड रोकने के लिए न प्रदेश सरकार और न अग्निशमन विभाग गंभीर है। प्रदेश मेंअग्नि सुरक्षा अधिनियम लागू है लेकिन हैरानी की बात है कि आज दिन तक नियम नहीं बनाए गए हैं।
उद्योगों, शिक्षण संस्थानों व अन्य व्यावसायिक भवनों के मालिकों के पास यदि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व शहरी एवं नगर नियोजन (टीसीपी) विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र न हो तो बोर्ड व विभाग के पास कार्रवाई करने की शक्तियां हैं। वहीं, अग्निशमन विभाग के पास ऐसा प्रावधान नहीं है। आग से सुरक्षा को लेकर यह कमी प्रदेश में अब तक हजारों लोगों की जान ले चुकी है।
राज्य का अग्नि सुरक्षा अधिनियम वर्ष 1984 में बना था। इसमें वर्ष 2004 में संशोधन किया गया। लेकिन इसमें अग्निशमन या अन्य किसी विभाग के पास कार्रवाई करने की शक्तियों का जिक्र नहीं हुआ। विभाग को दिक्कतें आने व अग्निकांड बढ़ने पर विभाग ने वर्ष 2009 में अधिनियम की अवहेलना करने पर कार्रवाई करने की शक्तियों की रूपरेखा तैयार कर इन्हें मंजूरी के लिए सरकार को भेजा। अभी तक इसे न मंजूरी मिली और न दोबारा जिक्र हुआ।
अग्निशमन विभाग उद्योगों और भवनों में अग्नि सुरक्षा उपकरण लगाने के लिए सिर्फ सलाह देने तक सीमित है। यही कारण है कि उद्योगों व अन्य स्थानों पर मानकों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और विभाग कुछ नहीं कर सकता है। अग्निशमन विभाग किसी उद्योग या संस्थान के भवन का निरीक्षण ही कर सकता है। ऐसा उद्योग प्रबंधन या संस्थान के अधिकारियों के बुलाने पर ही हो सकता है। विभाग उद्योग प्रबंधन और अन्य भवन मालिकों को उपकरण लगाने और उनकी क्षमता व संख्या के संबंध में सलाह देने का ही कार्य कर सकता है। यदि कहीं नियमों की अवहेलना हो रही हो तो विभाग सिर्फ ऐसा न करने के लिए ही कह सकता है।
अग्नि सुरक्षा अधिनियम तो है लेकिन विभाग के पास कार्रवाई करने के लिए अभी नियम नहीं हैं।
-सुखदेव, डीएफओ, अग्निशमन विभाग (मुख्यालय )
अग्नि सुरक्षा अधिनियम में ये हैं मानक
-किसी उद्योग की स्थापना से पूर्व उसे अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लेना अनिवार्य होता है।
-विभाग की अनापत्ति के लिए उद्योग में बिजली का ट्रांसफार्मर भवन से लगभग 50 फीट की दूरी पर होना चाहिए।
-औद्योगिक इकाई के पास ज्वलनशील व रासायनिक गैस या तरल पदार्थों के लिए अलग से स्टोर व खुला क्षेत्र होना चाहिए। यह स्टोर हवादार हो।
-अग्निकांड के समय कामगारों को बाहर निकालने के लिए अलग निकासी मार्ग होना चाहिए।
-उद्योग में फायर हाइड्रेंड, वाटर स्टोर टैंक व प्रोजेक्ट स्थल तक सड़क निर्माण जरूरी। आपात स्थिति से निपटने की तैयारी के साथ प्राथमिक चिकित्सा सुविधा भी होनी चाहिए।